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नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) द्वारा बीएड कॉलेजों कई तरह की जानकारी मांगी गई है, जो कॉलेज प्रबंधन के लिए देना आसान नहीं होगा। इसके तहत बीएड कॉलेज हर साल एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स से शुल्क मद में कितनी फीस ली जा रही है। कॉलेज की वेबसाइट क
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कॉलेज को अपनी बैलेंस शीट भी एनसीटीई को भेजनी है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन द्वारा 10 नवंबर तक रिपोर्ट तलब किया गया है। बीएड कॉलेजों को यह भी बताना होगा कि पिछले दो सत्रों में कितने स्टूडेंट्स का एडमिशन लिया गया है? कितने शिक्षक नियुक्त हैं? की जानकारी देने के लिए कहा गया है। बताते चलें कि एनसीटीई ने सभी बीएड कॉलेजों से परफार्मेंस रिपोर्ट के तहत यह सभी जानकारी मांगी है। राज्य के लगभग 90 प्रतिशत बीएड कॉलेज मानक पूरा नहीं करते हैं। इसमें एनसीटीई गाइडलाइन के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है। मानक के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। बताते चलें संबंधित विश्वविद्यालयों द्वारा कई बीएड कॉलेजों सशर्त एफिलिएशन दिया जाता है। इतना ही नहीं पढ़ा रहे शिक्षकों को वेतन बेहद कम दिया जाता है।
कॉलेजों को क्लास रूम, कॉमन रूम, लाइब्रेरी की भी देनी है डिटेल्स बीएड कॉलेजों को कॉलेज भवन, क्लास रूम, लाइब्रेरी, गर्ल्स कॉमन रूम और शौचालय की तस्वीर एनसीटीई को भेजने के लिए कहा गया है। इसके अलावा भवन की स्थिति क्या है? कितने कमरे हैं? उपयुक्त डिटेल्स ऑनलाइन मांगा गया है। इसके साथ एक शपथ पत्र देने के लिए कहा गया है, जिसमें बताना होगा कि दी गई जानकारी सही है।
झारखंड में सिर्फ चार सरकारी कॉलेज : झारखंड में 151 बीएड कॉलेज हैं, जिसमें चार सरकारी बीएड कॉलेज हैं। सरकारी कॉलेजों में दो रांची में है, जिसमें महिला टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज बरियातू और टीचर ट्रेनिंग कॉलेज कांके शामिल है। वहीं देवघर और हजारीबाग में एक-एक बीएड कॉलेज है। राज्य के सभी बीएड कॉलेजों में लगभग 15 हजार एडमिशन सीटें हैं।
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