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रांची | छठ पूजा आमतौर पर महिलाएं करती हैं, लेकिन हमारे शास्त्रों में वर्णन है कि महादानी कर्ण प्रतिदिन कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य भगवान की पूजा करते थे और सूर्य अर्घ्य के बाद दान विधि पूर्ण करने के पश्चात भोजन करते थे। इस नियम से सूर्य देव बहुत प
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कोकर में रहने वाले निताई दास पिछले 18 सालों से छठ कर रहे हैं। कहते हैं कि लोगों को छठ करते देखता था, तो मेरा मन भी छठ करने का करने लगा। मुझे इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। पड़ोसियों ने इसमें मदद की और मुझे छठ के सारे नियमों के बारे में बताया। अब मेरे साथ मेरी बेटी भी छठ करती है।
मेरी मां कलावती देवी पिछले 51 सालों से छठ कर रही हैं। बचपन से ही उन्हें देखता था छठ करते तो मेरा मन भी छठ करने का होने लगा। जब 14 साल का था, तो मां के साथ छठ करने लगा, लेकिन घर वाले अर्घ्य के बाद चाय-पानी पिला देते थे। 2003 से पूरी तरह से व्रत करने लगा। मेरी प|ी प्रेमलता सिंह भी छठ कर रही हैं।
मेरी भाभी हर साल छठ करती हैं, उन्हें देखकर मुझे भी लगा कि छठ का व्रत करना चाहिए। घरवालों की खुशी और अपनी उन्नति के लिए यह व्रत उठाया हूं। शुरू में थोड़ा डर रहा था, लेकिन फैमिली के सहयोग से खरना भी अच्छे से हो गया। छठी मइया सबका कल्याण करती हैं, चाहता हूं कि हम सभी खुश रहें।
टेंडर हार्ट स्कूल में शिक्षक नवीन साहू पिछले चार सालों से छठ का व्रत कर रहे हैं। कहते हैं कि मां पिछले 40 सालों से छठ कर रही हैं। 4 चार साल पहले छठी मइया की कृपा से जब मेरा पुत्र हुआ तो मन में ठान लिया कि अब मुझे भी अपने पुत्र के सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत करना है। इस बार मेरे घर में चार लोग छठ कर रहे हैं।
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