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यमुनानगर में हजारों की संख्या में पूर्वांचल के लोग पश्चिमी यमुना नहर के किनारे पहुंचकर छठ मना रहे हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यमुनानगर में आज हजारों की संख्या में पूर्वांचल लोगों द्वारा
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बातचीत करते हुए मीना कुमारी और अनुराधा श्रद्धालु ने बताया कि छठ मैया का पर्व दीपावली के बाद आता है और इस पर्व से पूर्वांचल के लोगों का गहरा नाता है। अब तो सभी प्रांत के लोग इस पर्व को बड़े ही श्रद्धा के साथ मनाते हैं। उन्होंने बताया कि जिन महिलाओं के पास लंबे समय से बच्चे नहीं होते, इस व्रत को मानने से उनके पास संतान की प्राप्ति होती है। परिवार में सुख शांति और समृद्धि के लिए इस पर्व को घर की स्त्रियों और पुरुषों के द्वारा भी मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि हम पिछले कई सालों से छठ माता की पूजा अर्चना करते आ रहे हैं और हमारी जो भी मनोकामना थी वह पूर्ण हो गई है।
छठ पर्व पर यमुनाघाट पर भक्तों की भीड़
मीना कुमारी का कहना है कि आज छठ मैया की कृपा से उनके परिवार के सभी लोग स्वस्थ-समृद्धि हैं और जीवन में तरक्की कर रहे हैं। जबकि श्रद्धालु अनुराधा के कहना है कि वह इस व्रत को पहली बार मना रही हैं अभी उसकी शादी हुई है और इस व्रत को मानने से उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाएगी ऐसा उसका मानना है मीना कुमारी ने बातचीत करते हुए बताया कि वह लंबे समय से इस पर्व को मनाती आ रही है और आगे भी निरंतर इसी तरह से इस पर्व को मानते रहेंगे क्योंकि इस पर्व के लिए खास तौर पर दीपावली के बाद तैयारी की जाती है यह व्रत तीन दिन का होता है।
सुरक्षा के लिए फायर ब्रिगेड का किया गया इंतजाम
पहले डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है फिर उगते हुए सूर्य को देखकर जल दिया जाता है और फिर इस व्रत को फल फल और खिचड़ी आदि के साथ खोला जाता है इस व्रत के लिए खास तौर पर नए वस्त्र पूरे परिवार के लिए खरीदे जाते हैं विधि विधान से इस व्रत की पूजा की जाती है इस व्रत के लिए गाने मूली फल पूजा की सामग्री और छठ मैया का मंदिर का निर्माण किया जाता है।
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