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मौसम बदलने के साथ ही बच्चों में खांसी-जुकाम के साथ निमोनिया के केस बढ़ गए हैं। इसका असर जयपुर में जेके लोन हॉस्पिटल में देखने को मिल रहा है। यहां पीडियाट्रिक मेडिसिन डिपार्टमेंट की सभी यूनिट्स में बेड फुल हो गए हैं। हॉस्पिटल प्रशासन के मुताबिक यहां रो
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एसएमएम मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिक मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर और जे.के. लोन हॉस्पिटल के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कपिल गर्ग ने बताया- अक्सर इन दिनों ऐसे बच्चे हॉस्पिटल में भर्ती हो रहे हैं, जिनमें सांस की तकलीफ और निमोनिया की शिकायत है। इसमें 12 साल की उम्र तक के बच्चों की संख्या ज्यादा है।
डॉक्टर गर्ग ने बताया- इस समय जो तापमान है, वह वायरल इंफेक्शन के अनुकूल है। बच्चों-बुजुर्गो में तेजी से इफेक्ट करता है। अगर कोई बच्चे के खांसी-जुकाम या बुखार है तो उन बच्चों को माता-पिता को स्कूल नहीं भेजना चाहिए। ताकि उस बच्चे के इंफेक्शन से दूसरे बच्चे प्रभावित न हो। इसके साथ ही डॉक्टर ने बच्चों को इन दिनों मास्क का उपयोग करवाने की भी सलाह दी है।
जेके लोन में पीडियाट्रिक मेडिसिन डिपार्टमेंट की सभी यूनिट्स में बेड फुल हो गए हैं।
तीन दिन में हाे है डिस्चार्ज
डॉक्टर गर्ग ने बताया- ज्यादातर बच्चे सांस में तकलीफ और निमोनिया के हैं, लेकिन उन्हें दो से तीन दिन में ठीक करके वापस घर भेजा जा रहा है। ये स्थिति तक आ रही है, जब माता-पिता लापरवाही बरत रहे हैं।
1800 से ज्यादा की ओपीडी
जेके. लोन हॉस्पिटल के अतिरिक्त अधीक्षक डॉक्टर मनीष शर्मा ने बताया- इन दिनों जेके लोन में ओपीडी की संख्या 1800 से 2 हजार के बीच रहने लगी है। इसके अलावा इमरजेंसी में भी बड़ी संख्या में बच्चों को दिखाने लोग आ रहे है। डॉक्टर ने बताया कि इन बच्चों में निमोनिया, वायरल इंफेक्शन के अलावा डेंगू और कुछ स्क्रब टाइफस के भी केस हैं।
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