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विभिन्न लोकगीतों के बीच खरना के साथ 36 घंटे का निर्जला छठ व्रत बुधवार से शुरू हो गया। बुधवार को व्रतियों ने विभिन्न तालाबों, डैमों, नदियों और घरों के आसपास में बनाए गए कुंड में स्नान किया। पूजा-पाठ किया और छठ महापर्व अच्छे से संपन्न होने की कामना की।
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आज छठ महापर्व के तीसरे दिन गुरुवार को व्रती छठ घाट पर अस्ताचलगामी सूर्य (डूबते सूर्य) को अर्घ देंगी। इसके लिए सुबह से ही विभिन्न घरों में स्नान ध्यान के बाद प्रसाद बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। दोपहर तक इसे तैयार कर डाला में व्रती भरेंगे।
इसके बाद परिजनों और सगे संबंधियों के साथ लोकगीत गाते हुए छठ घाट जाएंगे। जहां स्नान ध्यान कर भगवान सूर्य का ध्यान करेंगे और डूबते हुए सूर्य को अर्घ देंगे। इसके बाद वापस अपने घर लौटेंगे और भगवान की पूजा अर्चना कर सुबह वाले अर्घ की तैयारी करेंगे।
रांची सहित पूरे राज्य में घाट सज कर तैयार छठ व्रत को ध्यान में रखते हुए राजधानी रांची सहित पूरे झारखंड में आस्था के घाट सज चुके हैं। जहां आज डूबते हुए सूर्य को और कल उदीयमान सूर्य को अर्घ दिया जाएगा। राजधानी रांची सहित राज्य के अलग-अलग जिलों में जिला प्रशासन और स्थानीय पूजा समितियां के द्वारा जबरदस्त तैयारी की गई है।
राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्र के 72 तालाबों पर लाखों व्रत करने वाले अर्घ देंगे। वहीं मोहल्ले में करीब 30 कृत्रिम तालाब बनाए गए हैं। जहां व्रतियों की भीड़ उमड़ेगी। इस बार बारिश होने की वजह से तालाबों में जलस्तर अधिक है। किसी तरह की अनहोनी ना हो इसे देखते हुए करीब 25 घाटों पर बैरिकेडिंग की गई है।
एनडीआरएफ और गोताखोर की तैनाती
डेंजर जोन वाले धुर्वा डैम, कांके डैम, चडरी तालाब और बड़ा तालाब में एनडीआरएफ और गोताखोर को तैनात किया गया है। इसके अलावा घर की छत और आंगन में भी हजारों व्रती भगवान भास्कर को अर्घ देंगे। राजधानी के कई घाटों पर करीब 2 किलोमीटर क्षेत्र में लाइट से सजावट की गई है।
कई जगहों पर मेला लगाया गया है ताकि व्रतियों के साथ आने वाले श्रद्धालु और बच्चों का मनोरंजन भी हो सके। इधर, प्रशासन की ओर से छठ घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। 25 मजिस्ट्रेट और 500 से अधिक पुलिस वालों को तैनात किया गया है।
कई जगहों पर कृत्रिम तालाब भी छठ व्रतियों के लिए बनाए गए हैं।
प्रमुख घाटों को जानें लाइन टैंक तालाब सज कर तैयार
लाइन टैंक तालाब श्रद्धालुओं के लिए सज-धज कर तैयार हो चुका है। स्थानीय पूजा समिति द्वारा यहां जगह-जगह तोरण द्वार बनाया गया है। तालाब के चारों ओर आकर्षक लाइटिंग की गई है। रंगबिरंगी रोशनी से तालाब जगमगा रहा है। सुरक्षा के लिहाज से यहां बैरिकेडिंग भी की गई है।
कांके डैम में भी पूरी सजावट छठ पर हजारों की संख्या में व्रती कांके डैम में अर्घ देने के लिए पहुंचते हैं। इस डैम की भी साज सजावट का काम पूरा कर लिया गया है। निगमकर्मियों ने भी यहां ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करने के साथ पानी में फिटकरी डाला है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से यहां भी बैरिकेडिंग के साथ खतरे के निशान को दर्शाते हुए बैनर लगाए गए हैं।
हटनिया तालाब राजभवन के ठीक सामने स्थित हटनिया तालाब में अच्छी बारिश की वजह से पानी लबालब है। नतीजा यहां अर्घ देते समय श्रद्धालुओं को विशेष ध्यान रखने की जरूरत होगी। सुरक्षा की दृष्टिकोण से यहां निगम द्वारा बैरिकेडिंग की गई है। एनडीआरएफ के साथ स्थानीय गोताखोर भी तैनात किए गए हैं। श्रद्धालुओं के स्वागत को लेकर स्थानीय समिति द्वारा आकर्षक लाइटिंग की गई है। जगह हजारों तोरण द्वार बनाए गए हैं।
बड़ा तालाब रांची के बड़ा तालाब को भी पूरी तरह तैयार किया गया है। यहां के पानी में दुर्गंध थी जिसे दूर करने के लिए वेस्ट हार्वेस्टर मशीन का इस्तेमाल किया गया। पानी में दो टन फिटकरी और चुना डाला गया है। इसके बाद पानी की दुर्गंध कम हुई है। साफ भी हुआ है। सुरक्षा की दृष्टिकोण से यहां नगर निगम द्वारा बैरिकेडिंग की गई है। एनडीआरएफ की तैनाती की गई है।
करमटोली तालाब करमटोली चौक स्थित करमटोली तालाब में भी हजारों की संख्या में लोग अर्घ देने पहुंचते हैं। वहां इसे देखते हुए स्थानीय पूजा समिति और नगर निगम द्वारा यहां आकर्षक लाइटिंग की गई है। पानी से लबालब होने के कारण निगम द्वारा यहां बैरिकैडिंग किया गया है। यहां पर गोताखोर की तैनाती की गई है।
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