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उर्मिला पति की हत्या कर उसके शव को घर के सेप्टिक टैंक में दफना चुकी थी। ऊपर से कमरा बनाकर रह रही थी।
बात 27 मई 2021 की है। यह कोविड और लॉकडाउन में शुरुआती ढील मिलने का दौर था। भोपाल के कोलार इलाके में सुबह की खामोशी एक लाश के मिलने से टूटी। अमरनाथ कॉलोनी और कलियासोत नदी के बीच मैदान में लाश को कुत्ते और सुअर के झुंड नोंच रहे थे।
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कोलार थाने से पुलिस मौके पर पहुंची। लाश का चेहरा और शरीर का ज्यादातर हिस्सा जानवर खा चुके थे। पहचान पाना मुश्किल था। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू किए। लाश पर जो कपड़े थे, वो एक फुटेज में मैच कर गए। शव 25 साल के मोहन मीणा का था।
मोहन की हत्या के मामले में पुलिस ने उसकी भाभी को अरेस्ट भी कर लिया। लेकिन केस यहां सॉल्व नहीं हुआ, यह तो शुरुआत थी। मोहन का भाई 5 साल से लापता था। उसके मिलने वाले और आसपास के लोग भी उसे भूल चुके थे। उनका मानना था कि देवर-भाभी के अफेयर की वजह से वह घर छोड़कर चला गया।
हकीकत कुछ और थी। पति की हत्या कर महिला उसके शव को घर के सेप्टिक टैंक में दफना चुकी थी। ऊपर से कमरा बनाकर रह रही थी। देवर भी इस मर्डर में शामिल था। तब कोलार थाने के टीआई चंद्रकांत पटेल हुआ करते थे। वर्तमान में इंदौर के विजय नगर थाने के टीआई हैं।
टीआई पटेल ने यह डबल मर्डर मिस्ट्री साइकोलॉजिकल गेम के जरिए सॉल्व की। उन्हें इसके लिए केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक मिला है। दृष्टिहीन बैंक मैनेजर से रेप केस को सॉल्व करने पर 2020 में उन्हें रुस्तमजी अवार्ड भी मिल चुका है। पढ़िए, टीआई चंद्रकांत पटेल ने कैसे सुलझाया केस…
महिला, देवर के साथ भोपाल में कोलार के इसी मकान में रहा करती थी। इसी मकान के सेप्टिक टैंक में उसने पति के शव को दफनाकर उसके ऊपर कमरा बनवा दिया था।
क्या है डबल मिस्ट्री केस और कैसे सॉल्व हुआ?
हत्या का सबूत मिटाने घर का आंगन लीप दिया 27 मई 2021 को मोहन मीणा को आखिरी बार घर के आसपास देखा गया था। भाभी उर्मिला मीणा से उसका झगड़ा हुआ था। पुलिस घर पहुंची तो कुछ नहीं मिला। खून के धब्बे छिपाने के लिए उसकी भाभी घर के आंगन को गोबर से लीप चुकी थी।
टीआई के मुताबिक, पूछताछ के दौरान उर्मिला से उसके पति रंजीत के बारे में पूछा। बोली- वे 5 साल से लापता हैं। बिना बताए घर से चले गए थे। गुमशुदगी रिपोर्ट के बारे में पूछने पर कहने लगी- कई बार थाने गई, लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी गई। बाद में कहा- कच्ची रिपोर्ट पुलिस वालों ने लिखी थी, जो गुम गई।
बच्चों से जब पिता के बारे में पूछा तो उन्होंने भी मां की बात दोहराई। मां और बच्चों के बयान हमेशा रटे रटाए थे। आमतौर पर ह्यूमन बिहेवियर ये है कि अगर कोई बात व्यक्ति एक बार, दो बार किसी को बताता है तो थोड़ा बहुत अंतर आ ही जाता है लेकिन तीनों के बयान हमेशा एक जैसे रहते थे। इस पर शक हुआ। देवर के मर्डर की कहानी के साथ लापता पति का केस भी जांच में जुड़ गया था।
साइकोलॉजी समझी, ब्लफ प्लान बनाया तो टूट गई 29 मई 2021 को महिला से पुलिस ने फिर पूछताछ की। टीआई ने बताया, ‘मैंने महिला की साइकोलॉजी को समझते हुए एक ब्लफ प्लान तैयार किया। पूछताछ के दौरान महिला और बच्चों को सामने बैठाया। इस बीच में फोन आया और मैं बात करने लगा। बात करते हुए मैंने कहा, ‘अच्छा खुदाई में कंकाल मिला है।’ सामने बैठी उर्मिला को देखा तो वो असहज होने लगी। घबराई सी दिखी।
मैंने फोन पर आगे बात जारी रखते हुए कहा- ठीक है, रुको मैं आता हूं…। फोन रखने के बाद मैंने सख्ती से उर्मिला से कहा- तुम झूठ बोल रही हो। तुम्हारे पति का खुदाई में कंकाल मिला है। इतना सुनकर वो टूट गई। कहने लगी- मैं सब सच बताती हूं साहब, बस बच्चों को बचा लेना…।’
बता दें कि टीआई पटेल ने 2002 में साइकोलॉजी में मास्टर डिग्री की। उनकी स्टडी ह्यूमन बिहेवियर पर है।
पति ने देवर के साथ देख लिया तो तार से गला घोंटा महिला ने पुलिस को बताया कि पति विकलांग था। वह उसे पसंद नहीं करती थी। देवर मोहन के साथ उसके अवैध संबंध बन गए थे। एक दिन पति ने दोनों को गलत हालत में देख लिया था। देवर के साथ मिलकर पति को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। 5 साल पहले देवर और उसने पति की तार से गला घोंटकर हत्या कर दी थी। शव को साड़ी में बांधकर घर में निर्माणाधीन सेप्टिक टैंक में दफना दिया था। उसके ऊपर कमरा बनाकर रहने लगी थी।
पुलिस ने जब खुदाई की तो महिला के पति का कंकाल निकला। एफएसएल में पुष्टि होने के बाद 2023 में महिला को भोपाल कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई।
… तो फिर देवर को क्यों मारा? पुलिस के इस सवाल के जवाब में महिला ने बताया था कि देवर, पति की हत्या का राजदार था। वह उसे ब्लैकमेल करता था। शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डालता था। मकान के किराए से उसे आय होती थी। आए दिन शराब के लिए इसमें से पैसे मांगता था। नाबालिग बेटे के साथ मिलकर डंडे से उसने देवर की हत्या कर दी। फिर शव को ठेले पर रखकर किराएदार राजेश वाल्मीकि की मदद से कलियासोत नदी किनारे फिंकवा दिया था।
भोपाल सेंट्रल जेल में उम्रकैद काट रही महिला पुलिस ने घर में खुदाई कर पति का कंकाल बाहर निकाला। कोर्ट में केस चला। मानव कंकाल और आरोपी महिला, उसके बच्चों के डीएनए की जांच एफएसएल से करवाई गई। रिपोर्ट में मानव कंकाल का उसके बच्चों का जैविक पिता होना पाया गया और उर्मिला बच्चों की जैविक मां निकली। भोपाल जिला कोर्ट में अपर सेशन जज युगल रघुवंशी ने उर्मिला को साल 2023 में हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। तब से वह सेंट्रल जेल में है।
महिला बैंक मैनेजर से रेप केस ऐसे सॉल्व किया
बात 2020 की है। यह भी कोविड का दौर था। लॉकडाउन लगा हुआ था। तब टीआई चंद्रकांत पटेल भोपाल के शाहपुरा थाने में पोस्टेड थे। एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में महिला बैंक मैनेजर के घर में घुसकर रेप हुआ था। आरोपी गहने और कैश भी चुरा ले गया था।
टीआई पटेल ने बताया- बैंक मैनेजर ब्लाइंड थीं। चैलेंज था कि वे आरोपी की पहचान कैसे करेंगी? आरोपी उनका मोबाइल ले गया था। उसने महिला के मोबाइल से सिम निकालकर एक बार अपने फोन में लगाई थी। तब एक मैसेज उसके फोन पर गया था। बस इसी क्लू ने इस केस में लीड दे दी।
उसे ट्रेस कर पकड़ लिया गया। उसने घटना करना कबूल कर लिया लेकिन महिला के द्वारा उसकी पहचान की जानी थी। यह बड़ा चैलेंज था क्योंकि दो-तीन संदिग्धों को पूर्व में महिला के सामने ले जाया गया था लेकिन उन्होंने पहचानने से इनकार कर दिया था। आरोपी से मोबाइल जब्त हुआ था। हमारे पास ठोस सबूत था लेकिन पीड़ित महिला अगर पहचान नहीं पातीं तो कोर्ट से आरोपी के बरी होने की आशंका अधिक थी।
घटना के दौरान आरोपी और महिला के बीच बस इतना कम्युनिकेशन हुआ था कि चुप रहो, वरना जान से मार दूंगा। आरोपी को पहचान के लिए पीड़ित महिला के सामने खड़ा किया। कुछ अन्य लोगों को भी हमने मिक्स कर दिया। सभी बारी-बारी से बोलने लगे। जैसे ही आरोपी साहूलाल उर्फ मनोज की आवाज महिला ने सुनी तो उन्होंने पहचान लिया और वे गुस्से में आ गईं। इस तरह यह केस सॉल्व हुआ था।
आरोपी साहूलाल उर्फ मनोज ने ब्लाइंड महिला बैंक मैनेजर के घर में घुसकर रेप किया था।
टीआई पटेल से जुड़ी 2 कॉन्ट्रोवर्सी
1. महिलाओं पर झूठी एफआईआर: 9-10 अगस्त 2020 की रात भोपाल के शाहपुरा थाने में दो महिलाओं समेत 8 लोगों पर आबकारी एक्ट में एफआईआर हुई थी। तब शाहपुरा थाने के टीआई चंद्रकांत पटेल हुआ करते थे। अरेरा कॉलोनी की महिलाओं ने तत्कालीन डीजीपी विवेक जोहरी से उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज करने की शिकायत की थी।
महिलाओं ने कहा था कि वे घर के अंदर खाना खा रही थीं। डीजीपी ने तत्कालीन एडीजे उपेंद्र जैन को जांच के आदेश दिए थे। जांच में पाया गया था कि पटेल ने एफआईआर कराने में लापरवाही की थी।
2. लाइन अटैच भी हो चुके: फरवरी 2023 में कोलार का थाना प्रभारी रहते हुए चंद्रकांत पटेल लाइन हाजिर हो चुके हैं। दरअसल, मां पार्वती नगर कोलार निवासी ज्वेलरी व मसाला व्यापारी गौरव जैन (38) को पिस्टल अड़ाकर 5.50 लाख रुपए की अड़ीबाजी की गई थी। मामले में कोलार थाने के दो आरक्षकों- देवेंद्र श्रीवास्तव और रोहित शर्मा को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। कोलार थाना प्रभारी चंद्रकांत पटेल को भी लाइन अटैच किया गया था।
भोपाल से इनपुट: आलोक कुमार
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