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झारखंड विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियां प्रचार में जुट गई है। रविवार को गृहमंत्री अमित शाह तीन जगहों धालभूमगढ़, सिमरिया और बरकट्ठा में जनसभा करेंगे। इसके साथ ही बीजेपी का संकल्प पत्र भी जारी करेंगे, जिसमें दो बड़े ऐलान हो सकते हैं। 300 यूनिट तक बिजली
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अमित शाह सबसे पहले घाटशिला में रैली कर बहरागोड़ा और घाटशिला विधानसभा के मतदाताओं को साधेंगे। घाटशिला सीट से पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन और झामुमो के रामदास सोरेन के बीच सीधी टक्कर है।
जबकि, बहरागोड़ा से भाजपा के दिनेशानंद गोस्वामी और झामुमो के समीर मोहंती के बीच टक्कर है। गृह मंत्री का फोकस बीजेपी के उन बागियों को साधने पर होगा, जो पार्टी के लिए चुनौती बन गए हैं।
सिमरिया में गृहमंत्री अमित शाह की जनसभा को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है।
घाटशिला से 11 और बहरागोड़ा से 15 प्रत्याशी चुनावी मैदान में
घाटशिला विधानसभा क्षेत्र से कुल 11 प्रत्याशी मैदान में है। जबकि, बहरागोड़ा से 15 प्रत्याशी मैदान में है। घाटशिला में मुख्य रूप से जेपीपी पार्टी से सूर्य सिंह बेसरा, भाजपा से बाबूलाल सोरेन और झामुमो से रामदास सोरेन खड़े हैं। वहीं, बहरागोड़ा विधानसभा सीट से भाजपा से दिनेशानंद गोस्वामी, झामुमो से समीर कुमार मोहंती समेत अन्य अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
बागियों को मनाने का प्रयास करेंगे शाह
अमित शाह पार्टी से बगावत करने वाले नेताओं को मनाने का प्रयास करेंगे। बागियों ने चुनावी मैदान में बीजेपी के बड़े चेहरों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जमशेदपुर पूर्वी से शिवशंकर सिंह चुनावी मैदान में है।
इस सीट से झारखंड के पूर्व सीएम और ओडिशा गवर्नर रघुवर दास की बहू पूर्णिमा साहू बीजेपी की प्रत्याशी हैं। शिवशंकर को भी बीजेपी ने मनाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने नाम वापस लेने से इनकार कर दिया। शिवशंकर ने कहा कि हमारी लड़ाई बीजेपी से नहीं, बल्कि परिवारवाद और भाई-भतीजावाद के खिलाफ है।
वहीं, गणेश महली सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से जेएमएम के उम्मीदवार है। यहां से बीजेपी ने पूर्व सीएम चंपाई सोरेन को उम्मीदवार बनाया है। गणेश महली ने बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर सरायकेला सीट पर जेएमएम प्रत्याशी रहे चंपाई सोरेन को दो बार कड़ी टक्कर दी थी, पर जीत नहीं सके थे।
भाजपा 68 पर लड़ रही, उसके 30 बड़े नेता प्रचार में उतरेंगे
पहले फेज के लिए 9 दिन प्रचार के है। इस दौरान प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री के अलावा कई केंद्रीय मंत्रियों, छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यों के डिप्टी सीएम की सभाएं होंगी। राज्य में 81 सीटें हैं, जिसमें भाजपा 68 पर लड़ रही है। उसके 30 नेताओं की सभाएं शेड्यूल हैं।
केंद्रीय मंत्री व राज्यों के सीएम-डिप्टी सीएम शामिल
जेपी नड्डा, नितिन गडकरी, शिवराज सिंह, हिमंता बिस्वा सरमा, लक्ष्मीकांत बाजपेयी, धर्मेंद्र प्रधान, योगी आदित्यनाथ, मोहन यादव, नायब सिंह सैनी, मोहन चंद्र मांझी, विष्णु देव साय, नित्यानंद राय, केशव प्रसाद मौर्य, सम्राट चौधरी, शुभेंदु अधिकारी के साथ-साथ बाबूलाल मरांडी, कड़िया मुंडा, अर्जुन मुंडा, चंपाई सोरेन, अन्नपूर्णा देवी, संजय सेठ, निशिकांत दूबे, विद्युत वरण महतो, दीपक प्रकाश, आदित्य साहू, रामचंद्र चंद्रवंशी आदि स्टार प्रचारक की सूची में शामिल हैं।
गृहमंत्री अमित शाह बरकट्ठा में रैली को संबोधित करेंगे।
PM मोदी ही चेहरा, इसलिए पोस्टर पर भी सिर्फ उनकी ही तस्वीर
NDA प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ रही है। राज्य में लग रहे पोस्टर और होर्डिंग पर सिर्फ मोदी की ही तस्वीर है। सामान्य पोस्टरों में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के अलावा असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा, गृहमंत्री अमित शाह और शिवराज सिंह की तस्वीर दिखती है। लेकिन, चुनाव का केंद्र नरेंद्र मोदी को ही बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य उनकी लोकप्रियता और प्रभाव को भुनाना है। ताकि, अधिक से अधिक वोटरों को आकर्षित किया जा सके। इसके अलावा, भाजपा बांग्लादेशी घुसपैठ और आदिवासियों के अधिकारों को भी जोरदार तरीके से उठा रही है।
भाजपा ने 2019 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को सीएम फेस के रूप में पेश किया था। रघुवर झारखंड के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री थे। उस समय रघुवर दास के खिलाफ कई क्षेत्रों में असंतोष था। सीएनटी, एसपीटी कानूनों में संशोधन और आदिवासी अधिकारों पर लोगों में नाराजगी थी। उनकी कार्यशैली से जनता में असंतोष था। विपक्षी गठबंधन यूपीए ने इसे प्रचार में प्रभावी ढंग से उठाया था। इससे भाजपा की हार हो गई थी।
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चंपाई सोरेन बोले- गांवों पर कब्जा कर रहे बांग्लादेशी:झारखंड में धर्मांतरण बढ़ा, चुनाव जीते तो घुसपैठियों से जमीनें वापस लेंगे
‘झारखंड के क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी हुकूमत से लड़कर संथाल परगना बनाया था। आज वहीं बांग्लादेशी घुसपैठिए बढ़ रहे हैं। संथाल के एक दर्जन से ज्यादा गांवों में घुसपैठियों ने कब्जा कर लिया है। जिस गांव में 100-150 आदिवासी परिवार रहते थे, वहां आज एक भी परिवार नहीं बचा। चुनाव जीतने के बाद हम घुसपैठियों से अपनी जमीनें वापस लेंगे।’ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ को सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं। 30 साल झारखंड मुक्ति मोर्चा में रहे चंपाई सोरेन इस बार पहली दफा BJP के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें
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