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उदयपुर के श्रीनाथ जी मंदिर में गोवर्धन पूजा करते हुए
दीपावली के दूसरे दिन आज शुक्रवार को उदयपुर के श्रीनाथजी मंदिर में गोवर्धन पूजा हुई। इससे पहले गुरुवार की शाम बाद कान जगाई का कार्यक्रम भी हुआ। इससे पहले आज शहर में भी महिलाओं ने गोवर्धन पूजा की। घरों के गोबर से गोवर्धन बनाए गए और श्रीकृष्ण भगवान की प
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श्रीनाथजी की हवेली स्थित श्रीनाथजी मंदिर में खेंखरे पर गोवर्धन पूजा के दौरान गायों को खेलाया गया। श्रीनाथजी मंदिर में गायों को खेंखरे पर मोरपंख से विशेष शृंगारित किया गया। गोवर्धन पूजा के पश्चात गायों के साथ खेखरा खेला गया एवं गौ माता को रिझाया गया
उदयपुर के श्रीनाथजी मंदिर में गायों को खेंखरे पर मोरपंख से विशेष शृंगार किया गया
मंदिर में इस आयोजन को देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्तगण जमा हुए। ठाकुरजी के समक्ष गोवर्धनजी को गाय के पांवों से गुंदाया गया और भक्तजनों ने गोवर्धन जी की परिक्रमा की। इससे पहले श्रीनाथजी मंदिर में गुरुवार की शाम बाद कान जगाई का कार्यक्रम हुआ। मंदिर गोवर्धन पूजा के एक दिन पहले होने वाली कान जगाई की परम्परा को देखने बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए।
उदयपुर के श्रीनाथजी मंदिर में कल 31 अक्टूबर को सायं में कान जगाई हुई
मंदिर परंपरानुसार मंदिर में गायों को ग्वालों द्वारा श्रीनाथजी मंदिर में लगाया गया। इसमें गायों के कान में आज हो रहे गोवर्धन पूजा के दौरान मंदिर में आने का न्योता दिया जिससे पुष्टिमार्ग में कान्ह जगाई कहा जाता है। गौ माता के कान में मुखियाने गोवर्धन पूजा में पधारने का निमंत्रण दिया था। कान में गोवर्धन पूजा के निमंत्रण के लिये गोवर्धन पूजा के वास्ते बेगी पधारियो कहकर कान जगाई की परंपरा का निर्वहन किया गया।
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