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आज दीपावली है। आप सुरक्षित दिवाली मनाएं, इसलिए पटाखों को जलाते समय पूरी सावधानी बरतें। जहां भीड़ हो, वहां आतिशबाजी न करें। घर की छत पर या बाहर कहीं भी पटाखे छोड़ते हैं तो कम से कम एक बाल्टी पानी जरूर रखें।
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रिम्स मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. बी. कुमार ने बताया कि पटाखे के धुएं बेहद खतरनाक होते हैं। उनसे बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाएं और सीओपीडी, ब्रोंकाइटिस या अस्थमा जैसे रेस्पिरेटरी संबंधी विकारों से पीड़ित लोगों को बेहद सावधान रहना चाहिए। 2023 में दिवाली के दौरान 48 घंटे में रिम्स में 80 से ज्यादा मरीज पहुंचे थे। उनमें से तीन मरीजों ने बताया कि वे कैसे घटना के शिकार हुए?
डॉक्टर बोले- पटाखे के धुएं बुजुर्ग, बच्चे व गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसानदेह
आतिशबाजी देखने के दौरान चिंगारी गिरने से सिर के बाल व त्वचा जल गए
नाम : सुरभि पांडेय। उम्र : 15 साल।
बूटी मोड़ में हनुमान नगर निवासी। उसने बताया कि घर के बाहर कुछ बच्चे पटाखे जला रहे थे। मैं छत पर खड़ी थी। इतने में ही एक पटाखा छत के थोड़े ऊपर ही फट गई। उससे निकली चिंगारी सीधे सिर पर गिरी। इससे सिर के बाल जलने लगे। आग कपड़े में भी पहुंच रहा था। इतने में ही मैंने छत पर लगे नल को चलाकर सिर नीचे रख लिया। आग बुझ गई, लेकिन मेरे सिर का कुछ हिस्सा जल गया। रिम्स में चार दिन भर्ती रही।
पटाखा जलाते हुए चिंगारी आंख में लगी, एक साल बाद धीरे-धीरे रोशनी लौट रही
नाम : रोहन कुमार। उम्र : 19 साल।
चान्हो प्रखंड के चोरया गांव का निवासी। रोहन ने कहा- पिछले साल दिवाली के दूसरे दिन पटाखा छोड़ने के दौरान चिंगारी उड़कर आंखों में चली गई। इससे बायीं आंख की रोशनी चली गई। जलन से बुरा हाल था। रिम्स में डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया। दो दिन आंखों में दवा डालकर पट्टी डाल दी गई। करीब 16 दिन रिम्स के नेत्र विभाग में एडमिट रहा। एक साल बाद अब धीरे-धीरे आंखों की रोशनी लौट रही है।
बम हाथ में जलाकर फेंकने ही वाला था, हो गया ब्लास्ट
नाम : रविंद्र साहू, उम्र : 27 साल। डोरंडा के कुसई का निवासी। उसने कहा- पिछली दिवाली पर दोस्तों के साथ घर के बाहर पटाखे छोड़ रहा था। मैंने बम हाथ में ही जला लिया, उसे फेंकने ही वाला था कि ब्लास्ट हो गया। बायां हाथ बुरी तरह जल गया। फौरन परिवार के सदस्य लेकर रिम्स पहुंचे। यहां इमरजेंसी में भर्ती कर इलाज शुरू हुआ। फिर, मुझे बर्न वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। करीब 20 दिन रिम्स में भर्ती रहा।
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