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दमोह जिले के तेंदूखेड़ा में लोक स्वास्थ्य केंद्र नाम से संचालित एक निजी क्लिनिक में शुक्रवार दोपहर इलाज के दौरान 8 महीने के मासूम की मौत हो गई। परिवार ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। साथ ही पुलिस में शिकायत की है। वहीं डॉक्टर क
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महराजपुर देवरी निवासी मासूम के पिता मोनू आदिवासी ने बताया मेरा बेटा मयंक कुछ दिनों से बीमार चल रहा था। इलाज के लिए तेंदूखेड़ा में रिटायर्ड बीएमओ जेपी खरे के क्लिनिक में 3 दिन पहले इलाज के लिए लाए थे। उस समय उसे आराम लग गया था। फिर हम बच्चे को घर ले थे।
परिजन ने की डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की
गुरुवार रात बच्चे को फिर से बुखार आ गया। इसलिए आज उसे क्लिनिक पर इलाज कराने लाए थे। जहां डॉक्टर ने इलाज किया और उसके बाद वह सो गया। लेकिन फिर वह उठा ही नहीं। डॉक्टर ने लापरवाही से इलाज किया है। जिससे मेरे बच्चे की मौत हुई है। डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
डॉक्टर ने कहा- इलाज में नहीं की कोई लापरवाही
वहीं डॉक्टर खरे का कहना है कि मासूम को तेज बुखार था। उसकी हालत पहले से ही खराब थी। बेहतर इलाज किया गया है। इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं हुई है। मैंने केवल एक इंजेक्शन दिया था। बाद में पता चला बच्चे की मौत हो गई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सब कुछ साफ हो जाएगा।
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