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नई दिल्ली: कनाडा और भारत के रिश्ते बेपटरी हो चुके हैं. यह हम सब जानते हैं कि कनाडा खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाता है. लेकिन कनाडा ने अब गद्दारी की सारी सीमा पार कर दी है. कनाडा ने साइबर सुरक्षा के लिए कनाडाई केंद्र द्वारा प्रकाशित अपनी वार्षिक खतरे की रिपोर्ट में कहा कि वह भारत से तथाकथित राज्य प्रायोजित हैकिंग और साइबर जासूसी के प्रयासों के लिए तैयारी कर रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया है, “हमारा मानना है कि कनाडा और भारत के बीच आधिकारिक द्विपक्षीय संबंधों के कारण कनाडा के खिलाफ भारत द्वारा प्रायोजित साइबर खतरे की गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा.” रिपोर्ट में भारत को चीन, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया के साथ “राज्य विरोधी” के रूप में भी वर्गीकृत किया गया है. कनाडा ने भारत पर कनाडा के लिए खतरा पैदा करने वाले ‘साइबर कार्यक्रम’ बनाने का भी आरोप लगाया.
रिपोर्ट में भारत के खिलाफ उगल रहा जहर
रिपोर्ट में कहा गया है, “ग्लोबल सिस्टम के भीतर नई शक्ति के केंद्र बनने की आकांक्षा रखने वाले देश, जैसे कि भारत, साइबर कार्यक्रम बना रहे हैं जो कनाडा के लिए अलग-अलग स्तर का खतरा पेश करते हैं.” गौरतलब है कि भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया है, क्योंकि उन्हें ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर, जो एक कनाडाई नागरिक था, की 2023 में हुई हत्या की कनाडाई जांच में “रुचि के व्यक्ति” के रूप में नामित किया गया था.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा नई दिल्ली पर निज्जर हत्याकांड की साजिश रचने का आरोप लगाए जाने के बाद नई दिल्ली और ओटावा के बीच संबंध बिगड़ गए हैं. हालांकि, कनाडा अपने दावों के समर्थन में ठोस सबूत नहीं दे पाया है, इस तथ्य को खुद ट्रूडो ने कनाडाई विदेशी हस्तक्षेप आयोग की सुनवाई के दौरान स्वीकार किया था. भारत ट्रूडो सरकार और उनके सहयोगियों द्वारा हिंसक खालिस्तानी अलगाववादियों को दी गई जगह के बारे में मुखर रहा है. बुधवार की रिपोर्ट में, ऐसा प्रतीत होता है कि उसने उन्हें “असंतुष्ट” करार देकर उनका समर्थन किया है.
रिपोर्ट में कहा गया है, “जबकि उभरते हुए देश अपने साइबर प्रयासों को घरेलू खतरों और क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों पर केंद्रित करते हैं, वे अपनी साइबर क्षमताओं का उपयोग विदेशों में रहने वाले कार्यकर्ताओं और असंतुष्टों पर नज़र रखने और निगरानी करने के लिए भी करते हैं.” रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “हमारा आकलन है कि भारत सरकार द्वारा प्रायोजित साइबर खतरा पैदा करने वाले लोग जासूसी के उद्देश्य से कनाडा सरकार के नेटवर्क के खिलाफ साइबर खतरा गतिविधि संचालित कर सकते हैं.”
सोशल मीडिया पर ट्रूडो का जमकर हो रहा विरोध
सोशल मीडिया के एक वर्ग ने सोशल मीडिया पर ट्रूडो सरकार के इस कदम की आलोचना की और कहा: “कनाडा के 2025-26 के राष्ट्रीय साइबर खतरा आकलन में पहली बार चीन, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया के साथ भारत को भी शामिल किया गया है. यह स्पष्ट है कि कनाडा भारत को एक विरोधी के रूप में देख रहा है.”
Tags: Canada, Canada News
FIRST PUBLISHED : October 31, 2024, 07:24 IST
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