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आईएएस विनय चौबे सहित कई अधिकारियों के यहां ईडी ने छापेमारी की है।
झारखंड विधानसभा चुनाव बीच ईडी ने रांची में एक बार फिर दबिश डाली है। प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार सुबह को झारखंड के सीनियर IAS अधिकारी विनय चौबे, उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह समेत अन्य करीबी रिश्तेदार और संबंधित अधिकारियों के सीए के ठिकान
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बताया जाता है कि ये कार्रवाई शराब घोटाले मामले में की गयी है। ईडी की छापेमारी किन-किन लोकेशन पर हो रही है, यह स्पष्ट नहीं हो सका है।
छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ईओडब्ल्यू ने पहले ही इस मामले में उत्पाद विभाग के तत्कालीन सचिव विनय कुमार चौबे और संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
रांची के विकास कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर आवेदन दिया था। जिसके बाद रायपुर में प्राथमिकी दर्ज हुई। आवेदन में बताया गया था कि शराब घोटाले की पूरी साजिश रायपुर में रची गयी आबकारी नीति में फेरबदल कराया।
IAS विनय चौबे सीएम हेमंत सोरेन के सचिव भी रह चुके हैं। (फाइल फोटो)
ईडी पहले भी कर चुकी है छापेमारी इससे पहले भी शराब घोटाला मामले में ईडी कार्रवाई कर चुकी है। बीते साल 23 अगस्त को ईडी ने रांची, देवघर, दुमका, कोलकाता के 32 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी के दायरे में राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, उनके बेटे रोहित उरांव, शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी और इनसे जुड़े 32 के यहां ईडी की टीम पहुंची थी।
इस मामले में रेड के बाद योगेंद्र तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया था। उनके खिलाफ ईडी ने आरोप पत्र भी दायर किया था। जिसमें उन्होंने बालू और जमीन कारोबार की कमाई को शराब के कारोबार में लगाने की बात कही थी।
खबर अपडेट हो रही है…
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