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29 अगस्त 2019, देहरादून की नेहरू कॉलोनी।
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रात के समय घर में घुसकर एक दंपती पर हमला किया गया। गोली लगने से पत्नी की माैत हो गई। पति जख्मी हो गया। पुलिस ने हत्यारे की तलाश शुरू की। करीब एक सप्ताह की इंवेस्टिगेशन के बाद देहरादून पुलिस राजस्थान के फतेहपुर पहुंची। यहां आकर पता चला कि जिस हत्यारे की उन्हें तलाश थी, उसकी लाश 6 नवंबर 2018 को हाईवे पर मिली थी, यानी देहरादून में महिला के मर्डर से 10 महीने पहले।
पढ़िए कैसे साॅल्व हुई ये उलझी हुई मर्डर मिस्ट्री…
फतेहपुर पुलिस ने काफी प्रयास किए, लेकिन 10 महीने तक शव की शिनाख्त नहीं हुई। -प्रतीकात्मक फोटो।
शव की शिनाख्त सबसे बड़ी चुनौती
6 नवंबर 2018 को सीकर जिले के फतेहपुर में युवक का शव मिला। शव इलाके के lआसास गांव में एनएच-52 के पास झाड़ियों में पड़ा था। लोगों ने गांव के सरपंच महेश कुमार को सूचना दी। महेश कुमार ने पुलिस को फोन किया।
सूचना पर फतेहपुर सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने डॉग स्क्वायड, एफएसएल व मोबाइल टीम को कॉल किया। तीनों टीमें सीकर से फतेहपुर घटनास्थल पर पहुंची।
प्राइमरी इंवेस्टिगेशन में एफएसएल को युवक के शरीर पर मारपीट के निशान मिले। गले पर भी निशान थे। आशंका जताई गई कि युवक के साथ पहले मारपीट की गई। इसके बाद गला घोटकर उसकी हत्या कर दी गई।
पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती मामले में जांच आगे बढ़ाने के लिए युवक की शिनाख्त करना था। क्योंकि शव के पास कोई आइडेंटिटी भी नहीं मिली थी। पुलिस ने जिले के सभी थानों में झाड़ियों में शव मिलने की सूचना दी। सूचना राजस्थान स्टेट कंट्रोल रूम व पुलिस को भी भेजी गई। सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट किए। विज्ञापन छपवाए गए।
शव का पोस्टमार्टम करवा कर शिनाख्त के लिए फतेहपुर हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवा दिया गया। मेडिकल टीम ने बिसरा व डीएनए भी लिया। काफी समय तक शिनाख्त नहीं हुई तो शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया।
फतेहपुर में शव मिलने के 10 महीने बाद उत्तराखंड से देहरादून पुलिस इंवेस्टिगेशन के लिए फतेहपुर पहुंची।
उत्तराखंड पुलिस इंवेस्टिगेशन के लिए आई फतेहपुर
10 महीने बाद भी मृतक की पहचान नहीं हो पाई। पुलिस भी इस केस को लगभग भूल ही गई थी। फिर 8 सितंबर 2019 को अचानक देहरादून (उत्तराखंड) पुलिस की कई गाड़ियां फतेहपुर सदर पुलिस स्टेशन पहुंचीं। देहरादून पुलिस एक मर्डर के केस में स्थानीय पुलिस से पूछताछ करने आई थी।
देहरादून पुलिस को इन्वेस्टिगेशन में जानकारी मिली थी कि जो शव 10 महीने पहले आसास गांव में पुलिस को मिला था वह रायपुर के अजय वर्मा का था। पुलिस ने शव के फोटो लापता युवक के परिजनों को दिखाए तो वह अजय वर्मा ही निकला।
देहरादून पुलिस ने फतेहपुर पुलिस को केस के बारे में ब्रीफ किया। अजय वर्मा रायपुर (उत्तराखंड) का रहने वाला था। अजय की हत्या उसके मामा के लड़के अशोक कुमार ने अपने दोस्तों से कराई थी। देहरादून पुलिस ने अजय के मर्डर केस में उसके ममेरे भाई अशोक सहित 4 आरोपियों रोहिल्ला निवासी सरधना (मेरठ), दीपक, गौरव व परवेज काे गिरफ्तार किया था। दीपक व गौरव दोनों सगे भाई थे। मर्डर की पूरी साजिश अशोक ने ही रची थी।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी दीपक और गौरव। दोनों सगे भाई थे।
अशोक ने जन्मदिन की पार्टी के बहाने अजय को बुलाया
3 नवंबर 2018 को अशोक का जन्मदिन था। उसने प्लानिंग के अनुसार अपने दोस्तों दीपक, गौरव व परवेज को मेरठ से देहरादून बुलाया। तीनों रात को अशोक के पास पहुंचे।
इसके बाद अशोक ने अजय को देहरादून के (सहशस्त्रधारा) में अपने दोस्त के घर बुलाया। दीपक, गौरव व परवेज भी वहां थे। अशोक ने अजय से कहा कि उसने राजस्थान में उसकी नौकरी का इंतजाम किया है। अशोक के खौफनाक इरादों से अनजान अजय ने उसकी बातों पर विश्वास कर लिया। वह दीपक, गौरव व परवेज के साथ उसी रात राजस्थान आ गया। यहां फतेहपुर में तीनों ने उसका मर्डर कर दिया। शव को आसास गांव में झाड़ियों में फेंक दिया।
फतेहपुर सदर पुलिस ने अजय की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट देहरादून पुलिस को सौंपी थी। रिपोर्ट में साफ था कि अजय की मौत एंटीमार्टम इंजरी व गला घोंटने से हुई थी। अजय के चेहरे, पेट, पीठ और शरीर पर चोट के गहरे निशान थे। अजय को मारने से पहले नशीला पदार्थ भी पिलाया गया था।
अजय की हत्या उसके मामा के लड़के अशोक कुमार ने अपने दोस्तों से कराई थी।
2 लाख में 2 मर्डर का सौदा हुआ था
अशोक ने दीपक, गौरव व परवेज काे 2 मर्डर करने के लिए 2 लाख की सुपारी दी थी। पहला मर्डर अजय का और दूसरा देहरादून की रहने वाली एक महिला का करना था। अशोक कुमार ने आरोपियों को महिला का मर्डर करने के लिए एक पिस्टल भी दी थी।
3 नवंबर 2018 को अजय के मर्डर के बाद आरोपियों ने 20 अगस्त 2019 को उस महिला की भी हत्या कर दी। महिला की हत्या के मामले में ही इंवेस्टिगेशन के लिए देहरादून पुलिस सीकर आई थी। अगर महिला का मर्डर नहीं होता तो शायद फतेहपुर पुलिस कभी भी झाड़ियों में मिली लाश की गुत्थी नहीं सुलझा पाती।
अजय पर चल रहा था मर्डर का केस
अजय नशे का आदी था। उस पर उत्तराखंड में एक मर्डर का केस भी चल रहा था। उसकी हरकतों से परेशान होकर घरवालों ने उसे निकाल दिया था। मर्डर के केस के बाद अजय के पास रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं था। वह अशोक के पास आता-जाता था। अजय को नहीं पता था कि बुआ का लड़का उसका मर्डर करवा देगा।
देहरादून पुलिस इन्वेस्टिगेशन के सिलसिले में कई महीनो तक फतेहपुर सदर थाना और आसास गांव में आती-जाती रही। गांव के सरपंच महेश शर्मा के बयान भी दर्ज हुए। पुलिस ने देहरादून से सीकर आकर मर्डर से जुड़े काफी तथ्य जुटा लिए थे।
देहरादून के तत्कालीन एसएसपी रहे अरुण मोहन जोशी के मुताबिक उस समय अजय का शव मर्डर करके फतेहपुर सदर थाना क्षेत्र में फेंका गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लेकर सभी संबंधित डॉक्यूमेंट देहरादून पुलिस ने सीकर पुलिस से अपने कब्जे में ले लिए थे। पुलिस ने अजय के शव की पुष्टि के लिए परिजनों से भी उसका डीएनए का मिलान कराया था।
महिला जिसकी हत्या के मामले में देहरादून पुलिस इंवेस्टिगेशन के लिए फतेहपुर पहुंची थी।
पुलिस ने आधी गुत्थी सुलझा ली थी, लेकिन कई सवाल थे, जिनके जवाब मिलना अब भी बाकी था…
- अजय का मर्डर क्यों हुआ?
- जिस महिला का मर्डर हुआ उससे अजय का क्या रिश्ता था?
- अशोक ने अपने बुआ के बेटे का मर्डर क्यों कराया?
- अशोक ने दोनों मर्डर क्यों कराए?
- आखिरकार अजय के मर्डर के 10 महीने बाद महिला का मर्डर क्यों हुआ?
कल पार्ट-2 में पढ़िए इन सभी सवालों के जवाब
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