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नहाय-खाय के साथ 5 नवंबर से महापर्व छठ पूजा की शुरुआत होगी। नेम-निष्ठा के इस पावन पर्व की तैयारी अधिकतर घरों में अभी से ही शुरू हो गई है। छठ घाटों के पास जगह घेरने की होड़ मची है। लेकिन, रांची के डैम-तालाब इस बार डेंजर जोन में हैं। क्योंकि, सभी तालाब
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भीड़ इतनी अधिक होती है कि पैर रखने तक की जगह नहीं रहती है। ऐसे में घाटों के पास बैरिकेडिंग या सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए तो व्रतियों को परेशानी होगी। छठ घाट के अलावा पहुंच पथों की स्थिति भी खराब है। पहुंच पथों में चारों ओर कचरा फैला हुआ है। दीपावली की साफ-सफाई की वजह से काफी कूड़ा निकल रहा है। निगम शत-प्रतिशत कूड़े का उठाव नहीं कर रहा है। इस वजह से कूड़ा सड़कों पर फैला हुआ है। नालियां भी बजबजा रही हैं। समय रहते सफाई नहीं हुई तो व्रतियों को टूटी-फूटी सड़कें और कचरा भरे रास्तों से होकर घाट तक पहुंचना होगा।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं बना नया सराय आरओबी, रोजाना जाम से फंस रहे लोग
रांची | झारखंड हाईकोर्ट ने नया सराय रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण अक्टूबर में पूरा करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार की ओर से तय समय पर आरओबी का निर्माण पूरा करने का वादा किया था, लेकिन अब तक निर्माण पूरा नहीं हुआ। इसका असर आम लोगों पर पड़ रहा है। रोजाना हजारों वाहन सवार जाम में फंस रहे हैं। सुबह से रात तक इस रूट में करीब एक दर्जन ट्रेन गुजरती है। उस दौरान क्रॉसिंग बैरियर गिरा दिया जाता है। ऐसे में दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है। सचिवालय, हाईकोर्ट सहित रिंग रोड की ओर आने जाने वाले जाम में फंसे रहते हैं। दरअसल, नयासराय रेलवे क्रासिंग के पास रेलवे ने ओवरब्रिज का निर्माण पूरा कर लिया है। लेकिन, एप्रोच रोड
बिरसा मुंडा की समाधि स्थल के सामने सड़क और नाली बराबर, गंदे पानी से गुजर रहे लोग
रांची | रांची को रमणीक बनाने का दावा करने वाले नगर निगम ने शहर को नरक बना दिया है। लालपुर-कोकर रोड स्थित भगवान बिरसा मुंडा समाधि स्थल में बाहर से आने वाले भी श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं। लेकिन, उसके सामने नाली की दुर्दशा ऐसी है कि सड़क और नाली बराबर हो गई है। दरअसल, नाले के ऊपर बना कल्वर्ट टूट गया है। इस वजह से नाली का पानी डिस्टलरी पुल की ओर न जाकर सड़क पर फैल रहा है। इसी नाले से होकर मुहल्ले के लोग गुजरते हैं। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत नगर निगम से की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बाहर से आने वाले लोग भी बिरसा मुंडा समाधि स्थल के सामने इस तरह का दृश्य देखकर शहर की दुर्दशा की चर्चा कर रहे हैं।
छठ पूजा से पहले घाटों को तैयार किया जाएगा, बनाई गई टीम
का निर्माण राज्य सरकार को पूरा कराना है। अभी तक जमीन नहीं मिलने की वजह से यह अधूरा है। पिछले दिनों रांची के डीसी ने स्थल का निरीक्षण करके जमीन की बाधा दूर करने का निर्देश दिया था, लेकिन समस्या दूर नहीं हुई। अब स्थानीय लोग इस समस्या को दूर करने की मांग को लेकर सड़क पर उतरने की चेतावनी दे रहे हैं।
एक सवाल }क्योंकि; शहर हमारा तो लापरवाही पर टोकेंगे ही
{चडरी तालाब : चडरी तालाब की गहराई काफी अधिक है। इस बार अच्छी बारिश से तालाब लबालब हो गए हैं। पहली बार तालाब के किनारे बने छठ घाट की सीढ़ी तक पानी चढ़ गया है। सीढ़ी से उतरते ही चार से पांच फीट गहराई है। सीढ़ी के बगल में जमीन समतल है, यहां गहराई का अंदाजा नहीं लग रहा। चिकनी मिट्टी होने से फिसलन भी अधिक है। पहले बैरिकेडिंग नहीं हुई तो यहां अर्घ्य देना खतरनाक होगा।
नायक तालाब : प्रगति पथ रोड स्थित नायक तालाब की सूरत भी इस बार बदली हुई है। पूर्व में तालाब कभी नहीं भरता था, क्योंकि यहां पानी नहीं ठहरता था। लेकिन इस बार अच्छी बारिश का नतीजा है कि तालाब के चारों आेर बनी सीढ़ी भी पानी में डूबी है। सीढ़ी के नीचे उतरते ही लगभग चार फीट गहराई है। फिसलन भी है। ऐसे में सीढ़ी से नीचे पैर रखने में सावधानी नहीं बरती गई तो व्रतियों को परेशानी होगी।
बड़ा तालाब : तालाब के पानी का रंग हरा है आैर दुर्गंध उठ रही है। आैघड़ बाबा आश्रम के पिछले हिस्से में बने छठ घाट के पास पानी से कचरा निकाला गया है, लेकिन पानी का रंग नहीं बदला। तालाब के पास से गुजरने वालों को दुर्गंध से बचने के लिए नाक बंद करना पड़ रहा है। निगम की ओर से बड़ा तालाब का पानी साफ करने के लिए करीब 17 हजार ई-बॉल डाला गया है। लेकिन, इसका असर पानी पर नहीं दिख रहा है।
कांके डैम : कांके डैम में चारों आेर 50 हजार से अधिक छठ व्रती पहुंचते हैं। इस बार मॉनसून की वापसी से पहले हुई मूसलाधार बारिश की वजह से डैम अपने अधिकतम जलस्तर 2128 फीट पर पहुंचा हुआ है। दो बार डैम का गेट खोलकर पानी निकाला गया। इसके बावजूद जलस्तर कम नहीं हुआ है। छठ घाट की सीढ़ी तक पानी चढ़ गया है। जलकुंभी भी फैला हुआ है। कुछ स्थानों से जलकुंभी निकाला गया है। लेकिन उसे जहां-तहां छोड़ दिया गया है। पानी से कफी दुर्गंध उठ रही है। मार्बल टूट कर बिखरा पड़ा है। ऐसे में व्रतियों की भीड़ उमड़ने पर हादसा हो सकता है।
छठ महापर्व पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने कई व्रती दंडवत करते हुए घाट जाते हैं। लेकिन, इस बार व्रतियों को काफी परेशानी होगी। कारण यह कि शहर के कई रास्तों की स्थिति बेहद खराब है। सर्कुलर रोड, रातू रोड, चेशायर होम रोड, करमटोली से बूटी मोड़ रोड रास्ते में गड्ढे इतने कि गाड़ियां भी हिचकोले खाते हैं, ऐसे में पैदल चलने व दंडवत करने वाले व्रतियों की मुश्किलों का अंदाजा लगाया जा सकता है। डीसी के साथ बैठक में विभिन्न पूजा समिति और संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी इस बात को उठाया था। कहा था कि शहर की बदहाल सड़कों की मरम्मत की जाए।
सड़कों की स्थिति भी ठीक नहीं
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