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बाड़मेर राजस्थान ज्यूडिशियल सर्विस (आरजेएस) परीक्षा परिणामों का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों का रविवार दोपहर एक बजे राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से परिणाम जारी हुआ। इसमें बाड़मेर के 5 होनहारों का चयन हुआ है। बाड़मेर के जोशियों का वास के रहने वाले हितेन जोशी
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अभिनंदन जैन पुत्र जितेंद्र जैन ने 29 वीं और महक सिंघवी पुत्री महेंद्र कुमार सिंघवी 30वीं रैंक पर रही। शहर के रैन बसेरा के पीछे रहने वाली निकिता जैन पुत्री भगवानदास जैन ने 117 वीं रैंक और वैभव गढ़वीर पुत्र डॉ. शंभूराम गढ़वीर ने 209 वीं रैंक हासिल की है। जिले में परिणाम घोषित होने के बाद खुशी का माहौल है।
बाड़मेर के होनहार हितेन, महक, निकिता और वैभव का आरजेएस में चयन।
तीन चरणों के साथ-साथ तैयार के लिए प्लान जरूरी
पहले प्रयास में 15वीं रैक प्राप्त करने वाले हितेन जोशी ने बताया-कि घर में बचपन से ही वकालात का माहौल रहा है। दादा एडवोकेट धनराज जोशी बाड़मेर में 60 साल से वकालात कर रहे है। पिता रविंद्र कुमार जोशी जोधपुर महानगर जिला न्यायाधीश के पद से रिटायर्ड हुए है। 2020 में हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी छतीसगढ़ से लॉ करने के बाद जोधपुर से एलएलएम 2023 में पूरी हुई। इसके बाद आरजेएस की तैयारी में जुट गया। अभय पुरोहित से कोचिंग ली। रोजाना 7-8 घंटे परीक्षा के समय तैयारी की। बड़े भाई गुंजन जोशी व मां संध्या जोशी ने पूरा सपोर्ट किया। तीनों चरणों के साथ में तैयारी के लिए प्लान जरूरी है।
महक प्रथम प्रयास में बिना कोचिंग मिली 30 वीं रैक
आरजेएस के घोषित परिणाम में महक ने प्रदेश में 30वां स्थान प्राप्त किया। शुरू से ही मेधावी रही महक के पिता महेंद्र सिंघल भी न्यायाधीश है, जो वर्तमान में उदयपुर में जिला एवं सेशन न्यायालय में न्यायाधीश पद पर सेवाएं दे रहे हैं। महक का चयन होने पर परिजनों सहित जिलेवासियों ने उसे बधाई दी। वहीं परिवार सदस्यों ने मिठाई से मुंह मीठा करवाकर उज्जवल भविष्य की कामनाएं की।
निकिता फिलहाल पाली में रह रही है। इसको 117 वीं रैक मिली है।
हाल बालोतरा के अग्रवाल कॉलोनी में निवासरत महक का परिवार मूलत: बाड़मेर जिले के गूंगा गांव से हैं। 24 वर्षीय महक ने बताया कि वह नियमित 10 से 12 घंटे पढ़ाई करती थी। इसके लिए उसने कहीं से कोई कोचिंग नहीं ली। जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर से गत वर्ष उसने विधि संकाय की शिक्षा पूरी की। इसके बाद वह जोधपुर में ही रहकर परीक्षा की तैयारी कर रही थी। महक ने बताया कि यह उसका प्रथम प्रयास था। कड़ी मेहनत करने पर परीक्षा में चयन होने का उसे पूरा विश्वास था।
घोषित परिणाम अपेक्षित रहने पर पूरे परिवार ने खुशी मनाई। बताया कि पढ़ाई के लिए माता-पिता व गुरुजन उसे सदैव प्रेरित करते थे। युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि मन में लगन रखकर मेहनत करने पर कुछ भी असंभव नहीं है। बालिकाएं मेहनत के साथ पढ़-लिखकर आगे बढ़ें तो सफलता निश्चित ही मिलती है। महक की बड़ी बहन ऊर्जा सिंघल चिकित्सक है।
छोटा भाई प्रीत सिंघल प्रथम वर्ष का छात्र है। माता सरिता गृहणी है। परिणाम जारी होने पर माता-पिता व बहिन-भाई ने मुंह मीठा करवाकर महक को बधाई व शुभकामनाएं दी। प्रथम प्रयास में प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त करने पर महक को जिले के जनप्रतिनिधियों, समाजबंधु, सहपाठियों व शहरवासियों ने शुभकामनाएं दी।
रिजल्ट के बाद वैभव के घर में खुशी का माहौल।
सफलता के लिए टारगेट व आत्मविश्वासन होना जरूरी
प्रदेश में 117 में रैंक पर चयनित निकिता जैन ने बताया-पाली सरकारी कॉलेज में लॉ पूरी हुई। एलएलबी में टीचरों के गाइडेंस के साथ सेल्फ स्टडी लगातार जारी रखी। इसके बाद कॉलेज से ही एलएलएम पूरी की। घर पर ही रूटीन में 7-8 घंटे तैयारी की। माता पुष्पादेवी व माता भगवानदास मालू ने पूर सहयोग किया। 7-8 घंटे तैयार की। आत्मविश्वास के साथ टारगेट निर्धारित कर पूरा फोकस पढ़ाई पर रखा। असफलता से घबराई नहीं, निरंतर टारगेट पर जुटी रही।
निकिता का शादी से एक महीने पहले RJS में चयन
बाड़मरे हाल पाली के जनता कॉलोनी में रहने वाली 30 साल की निकिता पुत्री भगवानदास जैन की शादी तय हो रखी है। 22 नवम्बर 2024 को बाड़मेर के रहने वाले दिव्यांशु से उसकी शादी है। पिता रविवार को जोधपुर शादी के कार्ड बांटने गए थे।
बेटी का RJS में चयन होने का समाचार मिला तो वापस घर लौटे और बेटी को गले लगाकर मुंह मीठा करवाया।
निकिता ने बताया- M.Com के बाद LLM तक की पढ़ाई की। सर मनोज शर्मा के मार्गदर्शन मिला। मैंने, सहेली अक्षिता जैन, दोस्त निखल गुरवानी, परमेश्वर और रविना ने RJS की तैयारी शुरू की और कोई समस्या होती तो एक-दूसरे की मदद करते।
निकिता ने बताया- मैं चार भाई बहन में दूसरे नंबर पर हूं। वर्तमान में अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में जूनियर लीगल ऑफिसर (JLO) के पद पर कार्यरत हूं। पापा भगवानदास और मां पुष्पादेवी ने भी पूरा सहयोग दिया। बोले कि तुम्हारा जब तक RJS बनने का लक्ष्य पूरा नहीं होता शादी करने के लिए परेशान नहीं करेंगे।
पहले प्रयास में चयन
आरजेएस में सिलेक्ट वैभव ने कहा- मेरी प्राइमरी शिक्षा चौहटन के आदर्श स्कूल में हुई है। 10वीं मैंने बाड़मेर के मॉडर्न स्कूल से की थी। 12वीं डीपीएस स्कूल जोधपुर से की। इसके बाद क्लैट एग्जाम दिया। उसमें सलेक्शन हो गया। जोधपुर लॉ यूनिवर्सिटी से एलएलबी की। वहीं पर रहकर बीते 2 साल से आरजेएस की तैयारी कर रहा था। फाइनल रिजल्ट में सिलेक्ट हो गया। यह मेरा पहला प्रयास था। पिता चौहटन उप जिला हॉस्पिटल में प्रभारी डॉक्टर है। माता ममता गृहिणी हैं। एक बहन है, जो एमबीबीएस कर रही है।
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