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नई शिक्षा नीति के तहत पहली बार हो रहे यूजी चौथे वर्ष में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। 23 अक्टूबर को बंद हुए एडमिशन के बाद अब जो आंकड़ा आया है, वह बेहद चौंकाने वाला है। बीए, बीकॉम, बीएससी, बीबीए और बीसीए जैसे कोर्स में यूजी फाइनल में पास हुए कुल
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इस साल इन कोर्स में थर्ड ईयर में कुल साढ़े 32 हजार छात्र पास हुए हैं। जब चौथे वर्ष में एडमिशन की बारी आई तो संख्या कुल 3200 भी नहीं पहुंच पाई।
2021 में लागू हुई नई शिक्षा नीति के फॉर्मेट और उद्देश्य को ज्यादातर छात्रों ने पहले दौर में नकार दिया है। कॉलेजों में सिर्फ 3 हजार छात्रों ने चौथे वर्ष में एडमिशन लिया है। इसमें ऑनर्स विद रिसर्च में एडमिशन वाले तो 200 छात्र भी नहीं हैं। कई कॉलेजों में तो जीरो एडमिशन हुए हैं। ऑनर्स में प्रवेश देने की पात्रता सभी कॉलेजों को है, जबकि ऑनर्स विद रिसर्च में एडमिशन देने के लिए वे 28 कॉलेज ही अधिकृत हैं, जहां रिसर्च सेंटर हैं।
1 वर्षीय पीजी पर सस्पेंस, एमबीए 2, एलएलबी 3 साल का ही करना होगा शिक्षाविद प्रो. अनस इकबाल कहते हैं कि सबसे बड़ी वजह यह है कि छात्रों के सामने उच्च शिक्षा विभाग यह पूरी तरह साफ ही नहीं कर पाया कि 4 वर्ष का यूजी करने के बाद क्या उन्हें एमकॉम, एमए, एमएससी एक वर्ष का ही करना होगा। क्या उन्हें सत्र 2025-26 में इन कोर्स में एक वर्षीय पीजी करने को मिलेगा।
शिक्षाविद डॉ. विपुल पटेल कहते हैं, कम प्रवेश का दूसरा कारण यह है कि तकनीकी शिक्षा विभाग एमबीए और एलएलबी सहित बीएड जैसे अहम प्रोफेशनल कोर्स में नई शिक्षा नीति ही लागू नहीं पर पाया। इस कारण 4 वर्ष का यूजी करने के बाद भी उन्हें एमबीए और बीएड 2 वर्ष का ही करना होगा। इससे इन छात्रों को एक वर्ष की अतिरिक्त पढ़ाई करना होगी। यही नहीं इन छात्रों को एलएलबी 3 साल का ही करना होगा।
23 अक्टूबर थी अंतिम तारीख उच्च शिक्षा विभाग ने छात्रों को चौथे वर्ष में प्रवेश के लिए 23 अक्टूबर तक की समय सीमा दी थी। सेकंड और फाइनल ईयर में तो खूब प्रमोशन हुए, लेकिन चौथे वर्ष में किसी ने रुचि नहीं दिखाई। शिक्षाविद प्रो. संगीता भारुका कहती हैं कि अगले साल यूजी चौथे वर्ष में अच्छे-खासे एडमिशन होंगे।
यह है सिस्टम दरअसल, हर साल छात्रों को फर्स्ट से सेकंड और सेकंड से फाइनल में प्रमोशन लेना होता है। मुख्य एग्जाम के रिजल्ट आने के बाद यह प्रक्रिया होती है। पहली बार यूजी में चौथे वर्ष में भी प्रमोशन हुए हैं। तीसरी बार तारीख बढ़ाई गई थी। जानकार कहते हैं कि ज्यादातर छात्रों ने पीजी में प्रवेश ले लिए हैं।
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