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राजगढ़ में रविवार को बाल सगाई, बाल विवाह जैसी सदियों से पनपती आ रही सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता के लिए अहिंसा वेलफेयर सोसाइटी ने खिलचीपुर ब्लॉक के सडीया कुंआ सेक्टर में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में 60 से अधिक आंगनवाड़ी
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कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बाल सगाई, बाल विवाह जैसी कुरीतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इनका उन्मूलन करना था। इस दौरान टीम ने कार्यकर्ताओं को बाल सगाई, बाल विवाह और बाल श्रम के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि ये कुरूतियां केवल एक परिवार को ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण समाज को प्रभावित करती हैं। बाल विवाह न केवल बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, बल्कि यह परिवारों में भी अस्थिरता का कारण बनता है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि बाल विवाह की प्रथा को समाप्त करने के लिए समाज के हर वर्ग का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने संकल्प लिया कि वे अपने-अपने गांवों में इन कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता फैलाएंगी और इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगी।
बताए नियम कानून
संस्था के मनीष दांगी ने उपस्थित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में विस्तार से समझाया। बताया गया कि बाल विवाह में जो भी व्यक्ति शामिल होता है उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान है।
ऐसी स्थिति में कहीं पर भी अगर बाल विवाह होता दिखाई दे या फिर बाल विवाह के बारे में जानकारी मिले तो आप निश्चित ही इसकी सूचनाओं विभागीय अधिकारियों और अहिंसा की टीम को दे जिससे कि उस बाल विवाह को रोका जा सके।
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