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मार्क जकरबर्ग की कंपनी मेटा अब जोधपुर में जेनेरेटिव एआई का सेंटर स्थापित कर रही है। मेटा अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम व व्हाट्सअप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जेनेरेटिव एआई का इस्तेमाल कर रही है। अब इसी फिल्ड में रिसर्च और स्टार्टअप को बढावा देने के लिए जोध
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जेनेरेटिव एआई में अब तक चैट जीपीटी, को पायलट, जैमिनी, चेटबॉट, स्टेबल डिफ्यूजन, मिडजर्नी जैसे कई एआई टैक्ट जनरेटर, इमेज टू वीडियो जनरेटर मार्केट में है। गूगल, बायडू सहित कई कंपनियों ने अपने जेनेरेटिव एआई मॉडल विकसित किए है। इस क्षेत्र में जोधपुर आईआईटी के स्टूडेंट्स रिसर्च कर नए स्टार्टअप जनरेट कर सके इसके लिए मेटा सहयोग कर सृजन सेंटर स्थापित कर रहा है।
इंडियन एप्लिकेशन करेंगे तैयार
आईआईटी जोधपुर में स्थापित होने वाले सृजन सेंटर पर स्वदेशी एआई एप्लिकेशन पर वर्क होगा। स्टूडेंट्स स्वदेशी एप्लिकेशन तैयार करेंगे। साथ ही देश के एआई मिशन में आईआईटी योगदान देगा और रिसर्च कर एआई की हर क्षेत्र में एप्लिकेशन तैयार करेगा। इसके लिए एआईसीटीई के साथ पार्टनरशिप में स्किलिंग व क्षमता निर्माण के लिए युवएआई की लॉन्चिंग भी गई है।
पिछले वर्ष 27 जुलाई को मिनिस्ट्री के साथ हुआ था एमओयू
बता दें कि पिछले वर्ष 27 जुलाई को मेटा ने सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (डीआईसी) के तहत कार्यरत एक इंडिपेंडेट बिजनेस डिपार्टमेंट इंडिया एआई के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में सहयोग बढ़ाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे।
इसका उद्देश्य एआई और उभरती टेक्नोलॉजी में प्रगति को बढ़ावा देना था। इसमें स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए बेहतरीन सेंटर की स्थापना करना था। इसी के तहत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर के साथ जेनएआई सीओई (सृजन) की स्थापना की जा रही है।
जनरेटिव एआई
जनरेटिव एआई (Generative AI) या जनरल एआई, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) का एक ऐसा पार्ट है जो नई मेटेरियल और थोट्स को बनाने में सक्षम है। यह मशीन लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल करके, टेक्स्ट, इमेज, वीडियो, ऑडियो, या सिंथेटिक डेटा जैसी कई तरह की सामग्री बना सकता है। जनरेटिव एआई, मौजूदा आर्टिफ़ैक्ट्स से सीखकर नए, यथार्थवादी आर्टिफ़ैक्ट्स तैयार करता है।
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