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जेएलएन हॉस्पिटल की इमरजेंसी यूनिट में गुरुवार रात एक बालिका ने जन्म लिया। इस बालिका की डिलीवरी इकाई में मौजूद रेजीडेंट डॉक्टर्स ने ही करवाई। जैसे ही कन्या की किलकारी गूंजी, इकाई में खुशी का माहौल छा गया। यह नजारा किसी फिल्मी सीन जैसा बन गया था। बालिक
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डॉक्टर्स सूत्रों के अनुसार झाबुआ, मध्यप्रदेश निवासी दिलीप सोजत में मजदूरी करता है। दीपावली त्यौहार मनाने के लिए वह अपनी प्रेग्नेंट पत्नी रीटा व पुत्र के साथ अपने घर जा रहा था लेकिन अजमेर से गुजरते समय रास्ते में ही उसकी पत्नी को तेज प्रसव पीड़ा होने लगी। जिस पर वह उसे लेकर नजदीकी जेएलएन हॉस्पिटल पहुंच गया। जहां मौजूद रेजीडेंट डॉक्टर्स ने उसकी स्थिति को देखते हुए तुरंत ही पर्दे आदि लगाए और प्रसव कराने में जुट गए और उसमें सफल भी रहे।
प्रसव रेजीडेट डॉक्टर्स मनीष एवं नवीन ने करवाया। जब प्रसव कराने की प्रक्रिया चल रही थी। उस समय एक बार तो माहौल किसी फिल्मी सीन की तरह से तनाव भरा हो गया था। वहां भर्ती मरीज, उनके परिजन, पुलिसकर्मी तथा स्टाफ सभी जच्चा- बच्चा के सुरक्षित प्रसव और दोनों को सुरक्षित रखने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते नजर आए। उसके बाद जैसे ही बालिका की किलकारी गूंजी सभी के चेहरों पर मुस्कान दौड़ गई। इस दौरान डॉक्टर्स, चौकी प्रभारी अनिताराज भी मौजूद थीं। बालिका को सबसे पहले उन्होंने ही गोद में लिया।
जैसे ही कन्या की किलकारी गूंजी, इकाई में खुशी का माहौल छा गया। यह नजारा किसी फिल्मी सीन जैसा बन गया था।
जच्चा-बच्चा दोनों को स्वस्थ पाकर डॉक्टर्स एवं नर्सिंग स्टाफ ने भी राहत की सांस ली। उसके पश्चात् उन्हें एम्बुलेंस से राजकीय जनाना चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। अग्रिम उपचार एवं जच्चा-बच्चा की देखभाल अब वहीं होगी।
इस संबंध में चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. अरविंद खरे ने बताया कि इसी प्रकार के एक मामले में करीब छह माह पूर्व भी आपातकालीन इकाई में प्रसव कराया जा चुका है। इस तरह की आपात स्थिति के लिए चिकित्सालय के डॉक्टर्स एवं नर्सिंग स्टाफ हमेशा तैयार रहते हैं।
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