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Telescope with world’s largest digital camera: चिली के रेगिस्तान में स्थित एक पर्वत की चोटी पर, दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरे वाला टेलीस्कोप ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने की तैयारी में है. इस कैमरे की क्षमता इतनी है कि यह एक ही समय में पूरे भारत की तस्वीर ले सकता है.
वेरा रूबिन नामक यह टेलीस्कोप आकाशगंगाओं, सितारों और अन्य खगोलीय पिंडों की अत्यधिक विस्तृत तस्वीरें लेगा. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस टेलीस्कोप की मदद से हम नए ग्रहों, ब्लैक होल्स और अन्य अज्ञात खगोलीय पिंडों की खोज कर सकते हैं. यह टेलीस्कोप हर तीन रातों में पूरे आकाश की तस्वीर लेगा. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस टेलीस्कोप से प्राप्त डेटा से ब्रह्मांड के निर्माण और विकास के बारे में हमारी समझ में क्रांतिकारी बदलाव आएगा.
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कहां है ऑब्जर्वेटरी
इस नए टेलीस्कोप को चिली की राजधानी सैंटियागो से लगभग 482 किलोमीटर उत्तर में 2,682 मीटर ऊंचे सेरो पाचोन पर्वत पर स्थित ऑब्जर्वेटरी में स्थापित किया जा रहा है. इस टेलीस्कोप के अंदर स्थित कैमरे का रिजाल्यूशन 3,200 मेगापिक्सल है, जो लगभग 300 सेल फोन के पिक्सल्स के बराबर है. इसकी प्रत्येक फोटो आकाश के एक क्षेत्र को कवर करेगी जो 40 पूर्ण चंद्रमाओं के बराबर है.
सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार हर तीन रातों में, टेलीस्कोप पूरे आकाश की तस्वीर लेगा. इस तरह यह हजारों तस्वीरें तैयार करेगा. इनसे खगोलविदों (एस्ट्रोनॉमर्स) को भी अध्ययन में मदद मिलेगी. उम्मीद है कि इस तरह, वेरा रूबिन लगभग 17 अरब सितारों और 20 अरब आकाशगंगाओं की खोज करेगा जो हमने पहले कभी नहीं देखी हैं. और यह सिर्फ एक शुरुआत है.
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यह तो शुरुआत है
ऑब्जर्वेटरी के खगोल विज्ञान विशेषज्ञ क्लेयर हिग्स कहते हैं, “वेरा रूबिन बहुत कुछ करेगा, हम आकाश की खोज कर रहे हैं जिस तरह से हमने पहले नहीं किया है. जिससे हमें उन सवालों के जवाब देने की क्षमता मिलती है जिनके बारे में हमने सोचा भी नहीं है.” हिग्स कहते हैं, “टेलीस्कोप ठीक एक दशक तक रात के आकाश का सर्वेक्षण करेगा, हर रात 1,000 तस्वीरें लेगा. 10 सालों में, हम विज्ञान के नए क्षेत्रों, वस्तुओं की नई श्रेणियों, खोजों के नए प्रकारों के बारे में बात कर रहे होंगे जो मैं आपको अभी भी नहीं बता सकता, क्योंकि मुझे नहीं पता कि वे अभी क्या हैं. और मुझे लगता है कि यह वास्तव में एक रोमांचक बात है.”
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स्विच-ऑन की तैयारी
यह, टेलीस्कोप 2015 से निर्माणाधीन है. इसका नाम अमेरिकी खगोलविद वेरा रूबिन के नाम पर रखा गया है, जिनकी मृत्यु 2016 में हुई थी. वेरा रूबिन के नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं. परियोजना की शुरुआत 2000 के दशक की शुरुआत में निजी दान से की गई थी, जिसमें अरबपतियों चार्ल्स सिमोनी और बिल गेट्स का भी योगदान था. बाद में इसे संयुक्त रूप से ऊर्जा विभाग के विज्ञान कार्यालय और यूएस नेशनल साइंस फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित किया गया, जो इसे SLAC नेशनल एक्सेलेरेटर लेबोरेटरी, कैलिफोर्निया में स्टैनफर्ड विश्वविद्यालय द्वारा संचालित एक अनुसंधान केंद्र के साथ भी चलाता है.
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हालांकि यह एक अमेरिकी राष्ट्रीय वेधशाला है जो चिली एंडीज में स्थित है. ऑप्टिकल दूरबीनों के लिए, आपको एक ऐसी साइट की आवश्यकता होती है जो ऊंची, अंधेरी और सूखी हो. प्रकाश प्रदूषण और वायु नमी के मुद्दों का उल्लेख करते हुए हिग्स कहते हैं कि ये उपकरणों की संवेदनशीलता को कम करते हैं. आप एक बहुत ही स्थिर और अच्छी तरह से समझा जाने वाला वातावरण चाहते हैं, और चिली में रात के आकाश की गुणवत्ता असाधारण है, यही कारण है कि यहां इतनी सारी दूरबीन हैं.” नया टेलीस्कोप वर्तमान में निर्माण के अंतिम चरण में है. इसके 2025 में चालू होने की उम्मीद है. इससे हासिल डेटा को हर साल खगोलविदों के एक चुनिंदा समूह को जारी किया जाएगा. फिर दो साल बाद, प्रत्येक डेटा सेट को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि वैश्विक विज्ञान समुदाय इस पर काम कर सके.
Tags: Science news, Space Science
FIRST PUBLISHED : October 24, 2024, 16:52 IST
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