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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई और दुमका से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक बसंत सोरेन का कहना है कि ‘चंपई सोरेन हमारे गार्जियन थे, अब भी हैं और उम्मीद है कि वे जल्द ही वापस अपने घर लौट आएंगे’ यह बात उन्होंने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कही। विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में अन्य दलों से आने वाले नेताओं के बारे में बात करते हुए जब पार्टी के पूर्व नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का जिक्र आया तो बसंत सोरेन का दुख छलक पड़ा।
चंपई सोरेन के झामुमो छोड़कर भाजपा में जाने पर बसंत सोरेन ने कहा, ‘चम्पई सोरेन जी हमारे गार्जियन थे और अब भी हैं, ऐसी बात नहीं है। दुख तो जरूर है कि वो दूसरे दल में हैं, उम्मीद करते हैं कि जल्द ही वापस घर को लौटेंगे वो।’
वहीं पूर्व भाजपा विधायक लुईस मरांडी समेत अन्य नेताओं के झामुमो में शामिल होने को लेकर बसंत सोरेन ने कहा, ‘हम प्रतिद्वंद्वी कहीं नहीं थे, यह एक कोरम होता है, जिसका सामना सबको करना होता है, कल वो विपक्ष में थीं, आज साथ में है, कोई निजी दुश्मनी तो है नहीं, एक-दूसरे की हम लोगों की। ये तो पार्टी है, जिसको जहां अच्छा लगा, वो उसके साथ हो लिए। जिनके सिद्धांत आज उनको पसंद नहीं है तो वो आज हमारे साथ आ गए। जिनको हमारे सिद्धांत पसंद नहीं थे वो चले गए।’
आगे उन्होंने कहा, ‘हाल के दिनों में काफी लोग पार्टी में शामिल हुए हैं और काफी लोग अभी आगे भी होंगे। स्वाभाविक चीज है, उनके आने से मजबूती जरूर आएगी। कोई आपके घर में आ रहा है तो स्वागत है उनका और उससे आपको बल ही मिलता है।’
बता दें कि झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए 13 नवंबर और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा और मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी। इससे पहले सभी राजनीतिक दलों में नेताओं का आना-जाना लगा हुआ है।
एक दिन पहले यानी 21 अक्तूबर को भारतीय जनता पार्टी के तीन पूर्व विधायक लुईस मरांडी, कुणाल सारंगी और लक्ष्मण टुडू व अन्य सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में शामिल हो गए थे। इससे दो दिन पहले तीन बार के भाजपा विधायक केदार हाजरा और आजसू पार्टी के उमाकांत रजक के झामुमो में शामिल हुए थे।
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