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मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य द्वारा मतदान के समय को लेकर लगाये गये आरोप को बेबुनियाद और तथ्यों से परे बताया है। उन्होंने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव में मात्र तीन प्रतिशत मतदान केंद्रों पर ही शाम चार बजे तक मतदान होगा। निर्वाचन सदन, धुर्वा में प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने बताया कि झामुमो की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान के कम समय को लेकर लगाए गए आरोप सही नहीं हैं।
के. रवि कुमार ने आगे कहा कि राज्य में कुल 29,562 मतदान केंद्र हैं। इसमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 24,520 मतदान केंद्र हैं, शहरी क्षेत्रों में 5,042 मतदान केंद्र हैं। 981 नक्सल प्रभावित ग्रामीण मतदान केंद्रों को छोड़कर 23,539 ग्रामीण क्षेत्रों के मतदान केंद्रों में और सभी शहरी क्षेत्र के मतदान केंद्रों में मतदान का समय सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक है। 2014 के विधानसभा चुनावों में 89 प्रतिशत (22,132 बूथों) और 2019 के चुनाव में 63 प्रतिशत (18,555 बूथों) मतदान केंद्रों पर मतदान का समय सुबह सात बजे से तीन बजे तक रखा गया था। इस बार मात्र तीन प्रतिशत (981 बूथों) मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे से शाम चार बजे का समय रखा गया है, जो आयोग के विशेष प्रयासों से ही संभव हुआ है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि आयोग को मतदान का समय निर्धारित करने का कानूनी अधिकार है। यह समय आठ घंटे से कम नहीं हो सकता है। आयोग मतदान का समय निर्धारित करने से पूर्व अपनी राज्य की यात्रा के दौरान राजनीतिक पार्टियों, जिला प्रशासन, राज्य प्रशासन से क्षेत्र के सुरक्षा संबंधी ऐतिहासिक और वर्तमान मसलों पर गौर करता है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में सभी प्रत्याशियों के लिए सामान्य अवसर प्राप्त हो, इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों का अनुपालन कराना अनिवार्य है। चुनाव के दौरान अवैध धन के आवागमन के माध्यम से मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयास हो सकते हैं। इसे लेकर सभी प्रवर्तन ऐजेंसियों का कर्तव्य है कि अवैध धन और अवैध सामग्री पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाएं।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सोमवार को निर्वाचन सदन में आयोजित प्रवर्तन ऐजेंसियों के वरीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। के. रवि कुमार ने कहा कि वन विभाग अपने सभी चेकपोस्टों पर सघन जांच करते हुए अवैध सामग्री के आवागमन पर रोक लगाए। उन्होंने आयकर विभाग द्वारा अवैध धन के संभावित ठिकानों और उसके आवागमन पर सघन छापेमारी करते हुए उसपर रोक लगाने का निर्देश दिया।
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