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मध्य प्रदेश की आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन एक बार फिर चर्चा में आ गईं हैं। ‘मंदिर पर लाउस्पीकर’ को लेकर उनकी एक टिप्पणी को लेकर घमासान मचा हुआ है।
मध्य प्रदेश की आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन एक बार फिर चर्चा में आ गईं हैं। ‘मंदिर पर लाउस्पीकर’ को लेकर उनकी एक टिप्पणी को लेकर घमासान मचा हुआ है। एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने आईएएस अधिकारी का समर्थन किया है तो दूसरी तरफ भाजपा और हिंदूवादी संगठनों के कई सदस्य प्रशासनिक अधिकारी की ओर से की गई टिप्पणी पर आपत्ति जाहिर कर रहे हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है कि मार्टिन ने पहली बार धार्मिक मसलों पर कुछ कहा है। कांवड़ यात्रा हो या करवा चौथ, वह अक्सर धार्मिक मुद्दों पर टिप्पणी करती हैं तो कई बार राजनीतिक मसलों पर राय जाहिर करने से नहीं चूकतीं।
2009 बैच की आईएएस अधिकारी शैलबाला ने मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर्स से ध्वनि प्रदूषण होने की बात कही जिसको लेकर अब विवाद हो रहा है। दरअसल, एक पत्रकार ने एक्स पर लिखा, ‘एक तर्क ये दिया जा रहा है कि मस्जिदों से लाउड स्पीकर से अजान की आवाजें जब लोगों को डिस्टर्ब करती हैं तो मस्जिदों के सामने डीजे बजाने से परेशानी क्यों होना चाहिए। लेकिन डीजेवादियों से एक सवाल है कि अगर मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटा दिए जाएं तो क्या डीजे और गंदी नारेबीजी बंद हो जाएगी? नहीं होगी। फिर किसी और बहाने से ये सब किया जाएगा क्योंकि इस धार्मिक प्रतिद्वंद्विता के पीछे राजनीति है, वह इसे रुकने नहीं देगी। मुसलमानों को समझदारी दिखाते हुए एक मौका डीजेवादियों को देना चाहिए। मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटा लें वे। खुदा तो वैसे भी सुन लेगा, क्योंकि वह बहरा नहीं है।
इसको रीट्वीट करते हुए अधिकारी ने लिखा, ‘और मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर, जो कई कई गलियों में दूर तक स्पीकर्स के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं, जो आधी आधी रात तक बजते हैं उनसे किसी को डिस्टरबेंस नहीं होता।’ शैलबाला के ट्वीट पर अब सोशल मीडिया पर घमासान छिड़ गया है। कुछ लोग उनके समर्थन में आ गए हैं तो कुछ उन्हें सर्विस रूल की याद दिलाते हुए धार्मिक और राजनीतिक मुद्दों पर इस तरह की टिप्पणी ना करने की सलाह दे रहे हैं। आईएएस अधिकारी की टिप्पणी को लेकर अब भाजपा और कांग्रेस के बीच भी टकराव देखने को मिल रहा है।
सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय रहती हैं शैलबाला
मध्य प्रदेश शासन में एडिशनल सेक्रेटरी आईएएस शैलबाला सोशल मीडिया पर भी खूब सक्रिय रहती हैं। धार्मिक, सामाजिक या फिर राजनीतिक मुद्दों पर वह अक्सर पोस्ट करती हैं। 20 अक्टूबर को ही उन्होंने करवा चौथ को लेकर एक टिप्पणी की। एक यूजर ने लिखा, ‘चंदा मामा वही हैं जिनका इंतजार ईद पर भी करा जाता हैं और करवा चौथ पर भी।’ इस पर उन्होंने लिखा, ‘व्रत तोड़ने देंगे या लाठियां लेकर चंद्र दर्शन/पूजा रोक दी जाएगी?’
इस साल जुलाई में कुछ कांवड़ियों ने सहरानपुर में कांवड़ खंडित होने पर बाइक में तोड़फोड़ की तो इसका वीडियो साझा करते हुए मार्टिन ने लिखा, ‘कांवड़ यात्रा के लिए एक डेडीकेटेड कॉरिडोर होना चाहिए।’ एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा था, ‘बिल्कुल बहिष्कार कीजिए। कांवड़ियों को सतर्क भी कर दीजिए कि व्रत में सेंधा नमक का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। आप तो जानते ही होंगे सेंधा नमक कहां से आता है।’ दाल की कीमत को लेकर उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री के बयान पर 10 जुलाई को उन्होंने टिप्पणी करते हुए लिखा, ‘कौन कहता है दाल महंगी है? दाल महंगी नहीं है साहब, आपकी परचेजिंग पावर घट गई है।’ केजरीवाल को लेकर एक सोशल पोस्ट पर 27 जून को उन्होंने लिखा, ‘और वापस आने के बाद सबको भ्रष्ट कहेगा।’
12 जुलाई को जहां उन्होंने अनंत अंबानी की शादी पर हुए खर्च की आलोचना की तो दुकानों पर सही पहचान प्रदर्शित करने को लेकर बाबा रामदेव की एक टिप्पणी का जवाब देते हुए लिखा, ‘बाबा जी को भी अपना नाम रामकिशन यादव ही बताना चाहिए। जो खुद अपना नाम छिपाए हैं वो दूसरों को उपदेश दे रहा है। क्या विचार है आप लोगों का।’
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