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आमतौर पर जब हम किसी की पिटाई, लड़ाई या बहस होता देखते हैं तो कार रोककर एक बार पूरा माजरा समझने की कोशिश जरूर करते हैं। लेकिन एक शख्स ने रेडिट पर अपनी कहानी शेयर की है और लोगों से सुझाव भी मांगे हैं। दरअसल, शख्स ने बताया कि उसने दिल्ली में आधी रात को हिंसा देखी।
आमतौर पर जब हम किसी की पिटाई, लड़ाई या बहस होता देखते हैं तो कार रोककर एक बार पूरा माजरा समझने की कोशिश जरूर करते हैं। लेकिन एक शख्स ने रेडिट पर अपनी कहानी शेयर की है और लोगों से सुझाव भी मांगे हैं। दरअसल, शख्स ने बताया कि उसने दिल्ली में आधी रात को हिंसा देखी। उस व्यक्ति ने दावा किया कि उसने चार नकाबपोश लोगों को जोमैटो की यूनिफॉर्म पहने एक व्यक्ति की पिटाई करते देखा। पोस्ट ने सोशल मीडिया पर इसे लेकर बहस शुरू कर दी है कि हमें किसी की मदद के लिए कार रोकनी चाहिए या नहीं।
पोस्ट में क्या लिखा
शख्स ने पोस्ट में लिखा, ‘कल रात, मैं और मेरा भाई रात एक बजे कैब से नारायणा से रोहिणी जा रहे थे। पंजाबी बाग फ्लाईओवर पार करने के बाद, हमने बस स्टैंड के पास चीखें सुनीं। जैसे ही हम आगे बढ़े, हमने देखा कि जोमैटो यूनिफॉर्म पहने राइडर जमीन पर पड़ा था और मदद के लिए चिल्ला रहा था। दो लोग उसे पीट रहे थे, जबकि दो अन्य अपनी बाइक पर बैठे थे, सभी ने अपने चेहरे ढके हुए थे। हमने अपनी कार नहीं रोकी क्योंकि वे चार लोग थे और उनके पास हथियार भी हो सकते थे। हम आगे बढ़े और सौभाग्य से हमें एक पुलिसकर्मी मिल गया। हमने उसे जल्दी से स्थिति समझाई और उसने घटनास्थल पर जाने से पहले बैकअप के लिए फोन किया।’ व्यक्ति के अनुसार, इस घटना ने उसे हिलाकर रख दिया और उसके मन में यह सवाल आया कि वह और क्या कर सकता था। इस स्थिति में उसे कार रोकनी चाहिए थी या नहीं इसे लेकर उसने रेडिट पर सुझाव मांगे।
लोगों से क्या सुझाव मिले
रेडिट यूजर्स ने उस व्यक्ति के कार न रोकने के फैसले को सपोर्ट किया और कहा कि वह मुसीबत में पड़ सकता था। एक यूजर ने लिखा, ‘रात में नियम बनाओ। अपनी कार कभी मत रोको। कभी नहीं। संभावना है कि आपको चाकू मारा जाएगा, लूटा जाएगा या इससे भी बुरा कुछ हो सकता है।’ दूसरे यूजर ने लिखा, ‘आपने कार न रोककर सही किया। अपनी और अपने प्रियजनों की सुरक्षा के बारे में सोचना आपकी जिम्मेदारी है। पहले अपनी सुरक्षा करो, यह हर किसी की प्राथमिकता होनी चाहिए।’
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