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चित्तौड़गढ़ के 10 साल के एकांश अगनानी ने सिर्फ 4 साल में 5 गोल्ड हासिल कर लिये है।
चित्तौड़गढ़ के एकांश अगनानी ने हेपकिडो नेशनल चैम्पियनशिप में स्पीड किकिंग में गोल्ड मेडल और सेल्फ डिफेंस में ब्रॉन्ज जीता है। इस जीत के बाद एकांश अब स्पीड किकिंग में इंटरनेशनल खेलने के लिए क्वालिफाइड हो गया है। जनवरी 2025 में यह इंटरनेशनल चैम्पियनशिप
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पांचवी क्लास में पढ़ने वाले एकांश ने सिर्फ 4 सालों में 5 गोल्ड हासिल कर लिया है। इसके अलावा एकांश ने कराटे में येलो जूनियर, ब्राऊन जूनियर, ब्राउन सीनियर, ब्राउन मोस्ट सीनियर बेल्ट भी पा लिया है। एकांश को अब ब्लैक बेल्ट के साथ-साथ ईरान में होने वाले चैंपियनशिप का इंतजार है। एकांश का कहना है कि वो इसे जितने के बाद ओलिंपिक में जाना चाहता है।
5 साल की उम्र में जताई थी कराटे सीखने की इच्छा चित्तौड़गढ़ के प्रतापनगर निवासी एकांश अगनानी ने दिल्ली में हुए हेपकिडो फेडरेशन ऑफ इंडिया की और से 8वीं हेपकिडो नेशनल चैम्पियनशिप स्पीड किकिंग में गोल्ड मेडल और सेल्फ डिफेंस में ब्रॉन्ज जीता। एकांश ने 1 मिनट में 121 किक मारे, जो कि सबसे फास्ट था। जबकि दूसरे नंबर पर रहने वाले प्रतिभागी ने 1 मिनट में सिर्फ 92 किक ही मारे, जो कि एकांश से 29 किक कम था। इस चैंपियनशिप में चित्तौड़गढ़ जिले से एकांश सबसे कम उम्र में गोल्ड हासिल करने वाला खिलाड़ी बना। एकांश का यह 5th गोल्ड है, जो उसने अलग अलग चैंपियनशिप में भाग लेकर जीता है। एकांश अगनानी सिर्फ 10 साल का है। जबकि सिर्फ 5 साल की उम्र में ही उसने अपनी माता याशिका अगनानी और पिता मुकेश अगनानी को कराटे सीखने की इच्छा जता दी थी। माता-पिता ने बिना देर किए साल 2020 में चित्तौड़गढ़ के वॉरियर्स एकेडमी में ज्वाइन करवाया। जहां उसे राजस्थान टीम कोच मोहित वैष्णव द्वारा एकांश को ट्रेनिंग दी जा रही है।
एकांश अब स्पीड किकिंग में इंटरनेशनल खेलने के लिए क्वालिफाइड हो गया है। जनवरी 2025 में यह इंटरनेशनल चैम्पियनशिप ईरान में होने वाला है।
ओलंपिक में खेल कर देश को करना चाहता है रिप्रेजेंट नेशनल में गोल्ड जीतने के बाद एकांश अब इंटरनेशनल के लिए इंटरनेशनल चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाइड हो चुका है। अगले साल जनवरी के 22 और 23 तारीख को एशियन हेपकिडो इंटरनेशनल चैंपियनशिप ईरान में होने वाला है, जहां एकांश भाग लेने जाएगा। खुशी की बात है कि हेपकिडो गेम को 2025 में होने वाले ओलंपिक में भी शामिल किया जा रहा है। एकांश इंटरनेशनल चैंपियनशिप को हर हाल में जितना चाहता है ताकि वह ओलंपिक में भी भाग ले सके और भारत को रिप्रेजेंट कर सके। अगर इंटरनेशनल चैंपियनशिप में एकांश गोल्ड लाता है तो वह ओलंपिक के लिए भी क्वालिफाइड हो जाएगा। 10 साल के एकांश का कहना है कि उसने अपना लक्ष्य सेट कर लिया है और उसके लिए वह पूरी तरह से मेहनत करेगा।
..आना चाहिए सेल्फ डिफेंस की टेक्निक एकांश ने बताया कि साल 2020 में उसे अचानक यह लगा कि अगर वो लोग कही घूमने जाए और वहां कोई अनहोनी हो तो ऐसे में उन्हें सेल्फ डिफेंस आना चाहिए। किसी के द्वारा अटैक किए जाने पर खुद को कैसे प्रोटेक्ट किया जाए, इस बात कि उनके मन में जिज्ञासा बढ़ी। पता किया तो यह टेक्निक कराटे में थी। तब से एकांश ने कराटे सीखने का मन बना लिया। यही इच्छा एकांश ने अपने माता-पिता को बताई। माता-पिता याशिका (37) और मुकेश अगनानी (38) ने खुशी जताते हुए कहा कि सिर्फ 5 साल की उम्र में इस तरह की बात करना बहुत बड़ी बात है। शुरू में थोड़ी हैरानी हुई थी। लेकिन उसे घर पर अलग अलग स्टंट करते हुए और किकिंग करते हुए देखा। घर पर भी पंचिंग बैग लगाकर खुद से प्रैक्टिस करता था। तब लगा कि अगर उसका इतना इंटरेस्ट है तो उसे सपोर्ट करना चाहिए। उसे अकादमी में सीखने के लिए भेजा। एकांश बचपन से ही पढ़ने लिखने में काफी होशियार है। यहां पर भी उसने जल्दी ही सारे मूव को सीख लिया है।
पूरे परिवार को है गर्व मां याशिका ने बताया कि हमने जब उससे बात की तो उसने कहा कि मैं प्रैक्टिस करना चाहता हूं, ट्रेनिंग लेना चाहता हूं, इंटरनेशनल लेवल पर अपनी कंट्री को रिप्रेजेंट करना चाहता हूं। उसका शुरू से ही इस तरह से ही फोकस रहा है। उन्होंने कहा कि छोटी सी उम्र में ही एकांश ने हमें प्राउड फील करवाया है। मैं सभी माता-पिता से यही रिक्वेस्ट करुंगी कि बच्चे का जिसमें इंटरेस्ट हो उसी के लिए इनकरेज करें। आगे भी वह खेलने के लिए जिस तरह के भी डिमांड करें, हम उन्हें उसे वह हर फैसिलिटी दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि एकांश के मेहनत के पीछे उसके कोच मोहित वैष्णव का सबसे बड़ा हाथ है। वह एकांश को ट्रेनिंग देते हैं साथ में उसे मोटिवेट भी करते हैं। वहीं, दादा भवानी शंकर (65) और दादी पुष्पा देवी (62) ने भी पोते के इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि उन्हें अपने पोते पर गर्व है। एकांश का एक 4 साल का भाई ग्रन्थ अगनानी भी है।
एकांश अपने दादा-दादी और माता-पिता के साथ।
4 साल में जीते 5 गोल्ड एकांश अगनानी अभी सिर्फ 10 साल का है, लेकिन अलग-अलग चैंपियनशिप में भाग लेकर वह अब तक सिर्फ 4 सालों में ही 5 गोल्ड जीत चुका है। एकांश ने साल 2021 में पहली बार जिला चैंपियनशिप में भाग लिया था। जिसमें उसने कुमीते में गोल्ड और काटा में ब्रॉन्ज हासिल किया। इसके बाद एकांश ने कोटा में होने वाले स्टेट लेवल के चैंपियनशिप में साल 2022 में भाग लेते हुए कुमीते में ब्रॉन्ज जीता। एकांश ने इसके बाद साल 2022 में ही राजस्थान स्टेट कराटे चैंपियनशिप जयपुर में सब जूनियर कैटेगरी में खेलते हुए कुमीते में गोल्ड और काटा में ब्रॉन्ज जीता। साल 2022 में एकेडमी कराटे में हेपकिडो को जोड़ा गया। जिसके बाद एकांश ने हेपकिडो में ट्रेनिंग ली। इसी साल स्टेट लेवल चैंपियनशिप झालरपाटन में आयोजित हुआ। इसमें एकांश ने क्योरूगी में गोल्ड हासिल किया। फिर साल 2024 में हेपकिडो स्टेट लेवल चैंपियनशिप का आयोजन झालरापाटन में हुआ, यहां एकांश ने क्योरूगी में गोल्ड जीता और नेशनल के लिए क्वालिफाइड हुआ। दिल्ली में आयोजित 19 और 20 अक्टूबर को नेशनल हेपकिडो टूर्नामेंट में एकांश ने फास्ट के किंग में गोल्ड और सेल्फ डिफेंस में ब्रॉन्ज जीता।
2022 में छूटा था नेशनल खेलने का मौका एकांश साल 2022 में भी नेशनल खेलने के लिए क्वालिफाइड हो गया था। पिता मुकेश अगनानी ने बताया कि कोलकाता जाने के लिए ट्रेन का रिजर्वेशन भी हो चुका था और पैकिंग भी हो चुकी थी। घर से निकलते समय एकांश को अचानक चक्कर आने लगे। डॉक्टर के पास जाने के बाद पता चला एकांश का बीपी लो हो चुका है। डॉक्टर ने सख्त मना कर दिया कि एकांश का सफर करना सही नहीं है। उसी दिन जब उसके मेडिकल टेस्ट किए गए तो पता चला उसे डेंगू भी हुआ है। प्लेटलेट्स काफी कम हो जाने के कारण उसे तुरंत उदयपुर हॉस्पिटल में एडमिट करवाना पड़ा। निराशा हुई थी लेकिन एकांश ने हार नहीं मानी और ठीक होने के बाद आगे अपनी प्रैक्टिस जारी रखी। पिता मुकेश अगनानी का कहना है कि स्पोर्ट्स के साथ-साथ एकांश अन्य एक्टिविटी में भी बहुत एक्टिव है। पढ़ाई लिखाई को भी प्रॉपर टाइम देता है। उसे किसी तरह से रोकने या कहने की जरूरत नहीं होती।
सीनियर कैटिगरी के कराटे बेल्ट हुए हासिल नन्हें एकांश ने कराटे में येलो जूनियर, ब्राऊन जूनियर, ब्राउन सीनियर, ब्राउन मोस्ट सीनियर बेल्ट भी पा लिया है। अब उसे ब्लैक बेल्ट पाने की इच्छा है। लेकिन उम्र इसकी बाधा बन गई। इसके लिए एक एग्जाम देना होता है जिसमें 10 साल का होना जरूरी है। यह एग्जाम साल में सिर्फ एक बार होता है। इस साल एग्जाम के समय एकांश की उम्र कुछ महीने कम थी। अब वह 10 साल का हो चुका है इसलिए अगले साल होने वाले एग्जाम में भाग लेगा। वैसे तो पहले सभी बेल्ट जूनियर लेवल पर हासिल किए जाते हैं और उसके बाद सीनियर लेवल तक बात जाती है। लेकिन एकांश के परफॉर्मेंस को देखते हुए उसे पहले येलो जूनियर, ब्राउन जूनियर के बाद डायरेक्ट ब्राऊन सीनियर और ब्राउन मोस्ट सीनियर लेवल पर ही बेल्ट मिल गए हैं।
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