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झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार कोल्हान में चार पूर्व मुख्यमंत्रियों की भी परीक्षा है। झामुमो छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले चंपाई सोरेन सरायकेला से खुद अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि उनके बेटे बाबूलाल सोरेन घाटशिला में भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। वहीं, मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा पश्चिमी सिंहभूम के जगन्नाथपुर सीट से मैदान में हैं। दूसरी ओर, पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा पोटका विधानसभा क्षेत्र से चुनावी समर में हैं। इधर, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ रही हैं।
जमशेदपुर पूर्वी सीट से पिछले चुनाव में सरयू राय ने जीत हासिल की थी। इस बार यहां से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास चुनाव मैदान में हैं। यहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ अजय कुमार अपनी दावेदारी जता रहे हैं। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के खूंटी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव हारने के बाद उनकी पत्नी मीरा मुंडा को पार्टी ने पोटका विधानसभा चुनाव से प्रत्याशी बनाने की घोषणा की है। मीरा मुंडा के चुनावी मैदान में उतरने से पोटका से तीन बार विधायक रह चुकीं मेनका सरदार ने नाराजगी जताते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इससे यहां मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है।
चंपाई सरायकेला से छह बार विधायक रह चुके हैं
पूर्व सीएम चंपाई सोरेन सरायकेला से छह बार विधायक चुने गए, लेकिन इस बार वे झामुमो छोड़ भाजपा के बैनर पर चुनाव मैदान में हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं को टिकट नहीं मिलने से पार्टी की अंदरूनी नाराजगी का सामना चंपाई को करना पड़ सकता है। पिछले दो बार भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में चंपाई को कड़ी टक्कर देने वाले गणेश महली ने पाला बदलने की तैयारी कर ली है। वहीं, घाटशिला से चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन ने चुनाव मैदान में है। माना जा रहा है कि यहां उनका मुकाबला झामुमो के कद्दावर नेता रामदास सोरेन से हो सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा जगन्नाथपुर से चुनाव मैदान में हैं। जगन्नाथपुर मधु कोड़ा की पारंपरिक सीट है, जहां से विपरीत परिस्थितियों में भी मधु कोड़ा और गीता कोड़ा जीतते रहे हैं, लेकिन पहली बार भाजपा के टिकट पर गीता कोड़ा चुनाव मैदान में उतरी हैं। वह सिंहभूम लोकसभा सीट इस बार चुनाव भी हार गई थीं।
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