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<p style="text-align: justify;">पाकिस्तान की संसद में सोमवार (21 अक्टूबर, 2024) को 26वां संविधान संशोधन बिल पास हो गया. इस बीच पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता और सांसद बिलावल भुट्टो जरदारी के प्रधानमंत्री बनने की चर्चा शुरू हो गई है. उसकी वजह ये है कि वह इस बिल को लेकर काफी ज्यादा एक्टिव थे, जबकि वह न तो अभी सरकार में मंत्री हैं और न ही उनकी पार्टी का कोई मेंबर मंत्री पद पर है. इस वजह से बिलावल भुट्टो के रुख को लेकर काफी सवाल उठ रहे थे. पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा का कहना है कि बिलावल भुट्टो डेढ साल बाद प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे और जिस तरह अभी उनकी पार्टी सरकार को सपोर्ट कर रही है, उसी तरह का सपोर्ट उनके पीएम बनने पर भी दिया जाएगा. उनका कहना है कि अभी बिलावल भुट्टो ने अमेंडमेंट बिल के लिए जिस तरह की एक्टिवनेस दिखाई है, उसकी यही वजह है कि उन्हें भी आने वाले समय में ऐसा ही सपोर्ट दिया जाएगा.</p>
<p style="text-align: justify;">कमर चीमा ने कहा, ‘पाकिस्तान सरकार सुप्रीम कोर्ट को अपने अंतर्गत लाने के लिए नेशनल पार्लियामेंट में अमेंटमेंट बिल लेकर आई. हालांकि, सरकार के पास संसद में वोट नहीं थे, लेकिन उन्होंने दूसरी पार्टी के सीनेटर्स और नेशनल असेंबली के मेंबर्स को अपने पास रख लिया. ये भी सुनने में आया कि कई पार्टियों का दावा है कि उनके मेंबर्स को अगवा कर लिया गया.'</p>
<p style="text-align: justify;">द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार इस बिल को पास कराने के लिए रविवार रात साढ़े 11 बजे से सोमवार सुबह 5 बजे तक (पाकिस्तानी समयानुसार) नेशनल असेंबली का सत्चरला और दोनों हाउस में वन थर्ड वोट के साथ बिल पास हो गया. अब सहमति के लिए बिल राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को भेज दिया गया है. इस दौरान <a title="इमरान खान" href="https://www.abplive.com/topic/imran-khan" data-type="interlinkingkeywords">इमरान खान</a> की पाकिस्तान तहरीक एक इंसाफ के सदस्यों ने असेंबली से वॉकआउट कर दिया. कमर चीमा ने कहा कि कई लोगों का यह कहना है कि बिलावल भुट्टो जरदारी पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री होंगे. मौजूदा सेटअफ में ढाई साल बिलावल भुट्टो वजीर ए आजम रहेंगे और ढाई साल शहबाज शरीफ.</p>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा, ‘एक सवाल बार-बार उठ रहा था कि बिलावल भुट्टो संविधान में संशोधन क्यों करवाना चाह रहे थे. उनके पिता राष्ट्रपति हैं. उनका कोई बंदा हुकूमत का हिस्सा नहीं है, लेकिन उन्होंने हुकूमत को सपोर्ट किया हुआ है. डेढ साल बाद जब बिलावल भुट्टो प्रधानमंत्री बन जाएंगे तो मौजूदा हुकूमत उनको सपोर्ट करेगी और राष्ट्रपति कोई और होगा. हो सकता है जमियत उलेमा ए हिंद के मौलाना फजल उल रहमान बन जाएं.'</p>
<p style="text-align: justify;">कमर चीमा ने कहा, ‘बिलावल के पास इस वक्त कोई मिनिस्ट्री नहीं है. इस बार उन्हें विदेश मंत्रालय भी नहीं दिया गया और न ही उनकी पार्टी का कोई बंदा मंत्री है. फिर भी बिलावल भुट्टो जरदारी इस पूरे मामले में इतने एक्टिव थे. ये काम तो सरकार और मंत्रियों को करने चाहिए, बिलावल क्यों कर रहे हैं. इस सबको लेकर सवाल उठ रहे हैं, इसका मतलब ये है कि उनको ऐसा करने के लिए कहा गया है, आप ये काम कर लो तो आपको फायदा होगा. कल आपकी मदद की जाएगी. मुझे लग रहा है कि बिलावल जिस तरह इस अमेंडमेंट में काम कर रहे हैं, वह अगले प्रधानमंत्री होंगे.'</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पाकिस्तान सरकार क्यों कर रही संविधान में बदलाव?</strong><br />कमर चीमा ने आगे 26वें संविधान संशोधन बिल के बारे में बताया कि सुप्रीम कोर्ट के दो जज हैं, जो देश में मिलिट्री सेटअप नहीं चाहते हैं और सरकार उन्हें चीफ जस्टिस के तौर पर नहीं चाहती. उन्होंने कहा कि मौजूदा सेटअप के तहत चीफ जस्टिस वो होता है जो सबसे ज्यादा सीनियर होता है. अभी जो चीफ जस्टिस हैं वो 25 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं और अगले चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान जो बनेंगे वह एंटी गवर्मेंट हैं.'</p>
<p style="text-align: justify;">इस संशोधन विधेयक के तहत अब सरकार जो अमेंटमेंट लेकर आ रही है, उसके तहत तीन सीनियर जजों को चुना जाएगा. पार्लियामेंट एक कमेटी बनाएगी और उस कमेटी के जरिए तमाम जो लोग बैठेंगे वो नए चीफ जस्टिस के नाम का सुझाव देंगे. फिर वो नाम राष्ट्रपति के पास जाएगा और प्रेसीडेंट उसको नोटिफाई कर देंगे. कमर चीमा ने कहा कि बहुत सारे लोग कह रहे हैं कि आज का दिन जमहूरियत के लिए काला दिन है क्योंकि जबरदस्ती लोगों से वोट डलवाए जा रहे हैं.</p>
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