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आरोपी
– फोटो : प्रतीकात्मक
विस्तार
अलीगढ़ के थाना अतरौली क्षेत्र में 14 साल पहले हुई युवक की गोली मारकर हत्या के मामले में दो सगे भाइयों समेत चार लोगों को एडीजे छह नवल किशोर सिंह की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
एडीजीसी जेपी राजपूत ने बताया कि यह घटना 30 नवंबर 2010 को हुई थी। मामले में अतरौली थाना क्षेत्र के गांव नगला लोधा निवासी लाल सिंह ने तहरीर देकर कहा था कि गांव के प्राइमरी स्कूल में शिक्षामित्र सरला पत्नी तुलसी की उनके बेटे नरेंद्र से कहासुनी हुई थी। इस बात पर तुलसी ने नरेंद्र की पिटाई कर दी। एक दिसंबर 2010 को लाल सिंह के बेटे रूपकिशोर ने तुलसी से भाई से मारपीट का कारण पूछा तो उसने गाली-गलौज करते हुए तमंचा निकाल लिया।
इसी दौरान विनोद व दीपचंद हाथों में तमंचा लेकर व राजेश उर्फ भोले फरसा लेकर आए और रूपकिशोर से मारपीट करने लगे। शोर मचाने पर लाल सिंह की पत्नी धर्मवती, बेटी फूलवती, बेटा नरेंद्र व भतीजा वीरेंद्र बीच-बचाव में आए। तभी तुलसी ने रूपकिशोर पर, विनोद ने नरेंद्र पर व दीपचंद ने फूलवती पर फायरिंग कर दी। राजेश ने धर्मवती पर हमला कर दिया। लालसिंह व वीरेंद्र से मारपीट की। गोली लगने से रूपकिशोर की मौके पर मौत हो गई। धर्मवती, फूलवती, नरेंद्र व वीरेंद्र भी घायल हो गए।
पुलिस ने तुलसी, रामगोपाल उर्फ दीपचंद, विनोद उर्फ उदयवीर व राजेश उर्फ भोले के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए चार्जशीट दाखिल की। इनमें तुलसी व दीपचंद और विनोद व राजेश आपस में सगे भाई हैं। अदालत ने सत्र परीक्षण व गवाहों के आधार पर चारों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दीपचंद, तुलसी व राजेश पर 30-30 हजार रुपये व विनोद को 50 हजार रुपये का जुर्माना से दंडित किया है। 50 प्रतिशत धनराशि घायलों को बतौर क्षतिपूर्ति देने के लिए कहा गया है।
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