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राजगढ़ जिले के ब्यावरा शहर में रहे पुरषोत्तम शर्मा की किडनी फेल हो गई थी। दोनों किडनी फेल हो गई तो माता-पिता व भाई ने किडनी देने से मना कर दिया। पति की हालत देखकर पत्नी ने अपनी एक किडनी डोनेट करने का फैसला किया। डॉक्टरों से इजाजत मिलने के बाद उसने अपन
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मिली जानकारी के अनुसार, ब्यावरा शहर में रहने वाले पुरषोत्तम शर्मा भागवत कथा कहते हैं। उनके परिवार में माता-पिता भाई, बहन सहित पत्नि और एक बेटा है। पुरषोत्तम की शादी 11 जून 2015 को ब्यावरा की ही प्रिया शर्मा के साथ हुई थी। शादी के बाद सब ठीक चल रहे था। कथा, भागवत और अनुष्ठान कर परिवार ठीक चल रहा था। इसके बाद कोविड आने पर वैक्सीन लगाई गई। जिसके बाद बीपी हाई होने लगा और यूरिन में छाग आने की समस्या हो गई।
दोनों किडनियों में इन्फेक्शन पुरषोत्तम शर्मा ने बताया कि ब्यावरा में ही रहकर डॉक्टरों से इलाज कराया। इस दौरान पेन किलर सहित अन्य गोलियां खाने के बाद तबीयत और बिगड़ने लगी। इसके बाद ब्यावरा के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से भोपाल रेफर कर दिया गया। वहां जांच में सामने आया कि दोनों किडनियों में इन्फेक्शन हो गया है। इसके बाद जीजा ने अहमदाबाद जाकर चैकअप कराने की सलाह दी। जब हम अहमदाबाद जा रहे थे तभी ट्रेन में उज्जैन के नजदीक पागलपन के दौरे पड़ने शुरू हो गए।
परिजनों ने किडनी देने से किया इनकार घर वालों ने संभाला और अहमदाबाद लेने जाने के बाद जांच कराई गई तो दोनों किडनी में संक्रमण मिला। डॉक्टर बोले संक्रमण ज्यादा हो गया है और चौथे स्टेज पर है। जल्द ही किडनी ट्रांसप्लांट कराना होगा। इस दौरान डॉक्टर ने किडनी बदलने के लिए परिवार वालों से किडनी की मांग की तो पापा, मम्मी भाई, बहन सभी पीछे हट गए। इसके बाद पत्नी ने डॉक्टर से किडनी देने की इच्छा रखी तो डॉक्टर ने परिवार वालों की सहमति लाने के लिए कहे। इसके बाद परिजनों की सहमति के बाद पत्नी ने किडनी देकर पति की जान बचाई।
खून के रिश्तों ने भी मरने के डर से कर दिया मना पुरषोत्तम ने कहा कि जब डॉक्टर किडनी ट्रांसप्लांट के बारे में माता, पिता और भाई बहन से कहा तो उन्होंने कहा कि किडनी देने से मर जाते हैं। हम नहीं देंगे। इसके बाद पत्नी आगे आई और उसने किडनी डोनेट की।
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