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हरियाणा के महेंद्रगढ़ के गांव बांस खुडाना की नहर में गिरी नीलगाय को गोरक्षकों ने कड़ी मशक्कत के बाद नहर से सकुशल बाहर निकाला। नीलगाय बाहर निकलते ही खेतों की तरफ दौड़ गई। सभी ने एक बेजुबान जानवर की जान बचाकर सुख की सांस ली।
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रात 11 बजे तक की कड़ी मशक्कत
गांव आकोदा निवासी संदीप जैलदार जिला गोरक्षा प्रमुख बजरंग दल महेंद्रगढ़ में बताया कि 17 अक्टूबर की रात तनुज श्री श्याम गौ सेवा धाम सतनाली के द्वारा हमें सूचना दी गई थी। गांव पालड़ी (बधवाना) की नहर में एक नीलगाय गिर गई है और वह बाहर निकलने में असमर्थ है। वह, जीतू, गोटी धर्मेंद्र जैलदार, विक्की व सोनू ने रात 11 बजे तक नीलगाय को ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन वह कहीं नहीं मिली।
गो रक्षक नीलगाय को नहर से बाहर निकालते हुए।
गले में रस्सी बांध निकाला बाहर
18 अक्टूबर को गांव बांस निवासी महेंद्र उर्फ चोटी, गांव आकोदा निवासी नितिन व गांव खुडाना निवासी गौ रक्षक सोनू गोटी ने हमें बताया कि नील गाय नहर में है। हम सभी नहर पर पहुंचे और हम में से एक साथी नहर में उतरा और कड़ी मशक्कत के बाद नीलगाय के गले में रस्सी बांधकर कर उसे नहर से बाहर निकाला। नीलगाय को कुछ समय बाहर पकड़कर रखा, फिर खेतों की तरफ दौड़ गई।
नीलगाय को बाहर निकालने का प्रयास करते गोरक्षक।
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