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हरियाणा विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद गुरुवार को कांग्रेस को बड़ा झटका लगा। पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने खराब व्यवहार का आरोप लगाते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देते समय उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटने के बाद मेरे साथ खराब व्यवहार होने से पार्टी आलाकमान से मोहभंग हो गया है। आपको बता दें कि इस चुनाव में बीजेपी ओबीसी समाज का समर्थन पाने में सफल रही। अब कांग्रेस के ओबीसी विभाग के अध्यक्ष के इस्तीफे ने देश की सबसे पुरानी पार्टी को तगड़ा झटका दिया है।
छह बार कांग्रेस विधायक रहे अजय सिंह यादव पार्टी के ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। उनके बेटे चिरंजीव राव रेवाड़ी में भाजपा के लक्ष्मण सिंह यादव से 28,000 से अधिक मतों से हार गए। आपको बता दें कि वह गुरुग्राम संसदीय क्षेत्र से पार्टी टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन कांग्रेस ने बॉलीवुड अभिनेता से नेता बने राज बब्बर को मैदान में उतारा। वह भाजपा के राव इंद्रजीत से हार गए।
द ट्रिब्यून ने राजनीतिक पर्यवेक्षक अजय कुमार के हवाले से कहा, “अगर अजय सिंह यादव का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका होगा, क्योंकि कांग्रेस इस क्षेत्र में अपना आधार मजबूत करने के लिए संघर्ष कर रही है।” एक दूसरे राजनीतिक विश्लेषक नरेश चौहान ने कहा, “उनका पार्टी से इस्तीफा निश्चित रूप से अहीरवाल में कांग्रेस की संभावनाओं को प्रभावित करेगा। यह आकलन करने की जरूरत है कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए किस बात ने मजबूर किया।”
मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और सोनिया गांधी को टैग करते हुए अजय सिंह यादव ने एक्स पर कहा, ‘‘इस्तीफा देने का यह निर्णय वास्तव में कठिन था, क्योंकि मेरे परिवार का 70 वर्षों से जुड़ाव था। मेरे पिता दिवंगत राव अभय सिंह 1952 में विधायक बने और उसके बाद मैंने पारिवारिक परंपरा को जारी रखा, लेकिन सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटने के बाद मेरे साथ खराब व्यवहार होने से पार्टी आलाकमान से मेरा मोहभंग हो गया है।’’
पिछले कुछ वर्षों में यादव कांग्रेस छोड़ने वाले तीसरे प्रमुख नेता हैं। अन्य दो नेताओं में कुलदीप बिश्नोई और किरण चौधरी शामिल हैं और ये दोनों अब भाजपा में हैं।
अजय सिंह यादव ने हाल में कहा था कि जनादेश मिलने से पहले मुख्यमंत्री बनने को लेकर हरियाणा कांग्रेस में खींचतान एक बड़ी भूल थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को दक्षिणी हरियाणा, खासकर गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद में अपनी विफलता के लिए आत्मचिंतन करना चाहिए, जहां भाजपा ने 11 में से 10 सीट पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस ने केवल एक सीट जीती।
ऐसा माना जा रहा है कि अजय सिंह यादव हरियाणा चुनाव के लिए कई उम्मीदवारों के चयन को लेकर अपनी पार्टी से नाखुश थे।
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