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बाल अधिकारिता विभाग की ओर से तीन महीने से बकाया करोड़ों रुपए का बकाया राज्य सरकार ने मंजूर कर दिया है। अब प्रदेश के 1000 से ज्यादा बाल अधिकारिता विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को जल्द ही चार महीने से अटका हुआ वेतन मिल जाएगा। बाल कल्याण समितियों के पदाधिकारियों का करीब 7 महीने से अटका मानदेय भी मिलने की उम्मीद बंध गई है।
बाल अधिकारिता विभाग में केन्द्र और राज्य सरकार की ओर बजट जारी किया जाता है। केन्द्र की ओर से जारी बजट में देरी के चलते चार महीने से प्रदेशभर के 34 जिलों में स्थित बाल अधिकारिता विभाग में बजट नहीं आने से अधिकारियों- कर्मचारि यों के वेतन-ऑफिस खर्च से लेकर बाल सुधार गृह में बच्चों के संरक्षण के लिए उधार की राशि से काम चलाना पड़ रहा है।
विभाग का लगभग 45 से 50 करोड़ रुपए का बजट नहीं मिलने से विभागीय कर्मचारियों को आर्थिक संकट झेलना पड़ रहा था। केन्द्र से बजट आने के बाद राज्य ने भी बजट जारी कर दिया। ऐसे में एक सप्ताह में अधिकारी- कर्मचारियों को वेतन-भत्ते मिलने की उम्मीद है। इस संबंध में दैनिक भास्कर ने बुधवार के अंक में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था।
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