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भारत पर बेतुके आरोप लगाकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो खुद की जमीन बचाना चाहते हैं. उनकी सत्ता जाने के करीब है. इसलिए वे हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं ताकि किसी तरह एक लहर उठे और उसका उन्हें फायदा मिले. लेकिन अब नई मुसीबत उनके सामने खड़ी हो गई है. उनकी ही पार्टी के 20 सांसदों ने एक समझौते पर साइन किए हैं, जिसमें कहा गया है कि जस्टिन ट्रूडो जितना जल्दी पद छोड़ दें उतना अच्छा होगा. देश के हित में यही होगा.
सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 20 असंतुष्ट सांसदों ने ओटावा में बैठक की और तुरंत नेतृत्व परिवर्तन की मांग की. ट्रूडो के खिलाफ विरोध के ये सुर हाल ही में हुए उपचुनाव के बाद सामने आया है. मॉन्ट्रियल और टोरंटो में हुए उपचुनाव में ट्रूडो की पार्टी को जबरदस्त करारी शिकस्त मिली है. दावा तो ये भी किया जा रहा है कि ट्रूडो के खिलाफ असंतुष्ट सांसदों की कई गुप्त बैठकें भी हुई हैं.
सांसद क्यों खफा
कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में लिबरल पार्टी की 153 सीटें हैं. उनमें से 20 से ज्यादा सांसद ट्रूडो से नाराज बताए जा रहे हैं. सांसद इस बात से भी खफा हैं कि एशिया में हाल ही में आयोजित शिखर सम्मेलन में जस्टिन ट्रूडो और उनकी चीफ ऑप स्टाफ कैटी टेलफोर्ड शामिल क्यों नहीं हुए. हाल ही में ट्रूडो ने लाओस में आयोजित आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जहां उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात हुई थी.
बढ़ता जा रहा दबाव
मामले से परिचित सूत्रों का हवाला देते हुए टोरंटो स्टार ने बताया कि 52 वर्षीय ट्रूडो पर पद छोड़ने के लिए सार्वजनिक रूप से दबाव डाला जा रहा है. इस टीम का नेतृत्व सांसद केसी सीन कर रहे हैं. G-20 पैक्ट पर साइन करने वाले एक सांसद ने सीबीसी को कहा, हमें पहले ही ऐसा करना चाहिए था. बता दें कि सितंबर में जस्टिन ट्रूडो का एक पार्टी के साथ समझौता हो गया था, जिससे वे अपनी सत्ता बचा पाने में कामयाब रहे. लेकिन अब उनकी ताकत घटती जा रही है.
Tags: Canada News, International news, Justin Trudeau
FIRST PUBLISHED : October 17, 2024, 22:32 IST
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