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आज वर्ल्ड ट्रोमा-डे के मौके पर जयपुर के एसएमएस ट्रोमा सेंटर पर मौजूद डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ ने शपथ ली। ट्रोमा सेंटर इंचार्ज और हड्डी रोड विभाग के प्रोफेसर डॉ. अनुराग धाकड़ ने सभी को मरीजों की जान बचाने और उनको बेहतर सेवाएं द
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शपथ के मौके पर डॉक्टर अनुराग धाकड़ ने दावा किया कि एसएमएस ट्रोमा सेंटर उत्तर भारत का सबसे बड़ा ट्रोमा सेंटर बन है, जहां सबसे ज्यादा मरीज इलाज के लिए आते है। उन्होंने बताया कि यहां पिछले 5 साल में 40 फीसदी केस बढ़े हैं।
हर रोज 400 लोगों की होती है डेथ
डॉक्टर धाकड़ ने बताया- भारत को कंट्री ऑफ एक्सीडेंट कहा जाता है, क्योंकि पूरी दुनिया में जितने रोड एक्सीडेंट होते है। उसके 11 फीसदी केस भारत में होते हैं। उन्होंने बताया- भारत में हर रोज औसतन 400 लोगों की रोड एक्सीडेंट में मौत होती है। इसलिए भारत में ट्रोमा सेंटर का होना और उससे ज्यादा रोड एक्सीडेंट के बाद लोगों का सजग और जागरूक करना बहुत जरूरी है।
मरीज को बिल्कुल सीधा उठाकर स्ट्रेक्चर या गाड़ी में लेटाना जरूरी
डॉक्टर धाकड़ ने बताया- अगर कोई एक्सीडेंट होता है और उसमें घायल व्यक्ति के मल्टीपल इंजरी होती है, ब्लड लॉस होता है, तो ऐसी स्थिति में मरीज को बिल्कुल सीधा उठाकर स्ट्रेक्चर या गाड़ी में लेटाना चाहिए। क्योंकि आड़ा-टेड़ा या फोल्ड करके लेटाने से दुर्घटनाग्रस्त मरीज के जो इंजरी (स्पाइन या सर्वाइकल स्पाइन) होती है। उसके बढ़ने का खतरा बहुत ज्यादा हो जाता है। ऐसे में जो नुकसान दुर्घटना से नहीं होता, उससे ज्यादा इससे हो जाता है।
40 फीसदी बढ़े जयपुर में केस
डॉक्टर धाकड़ ने बताया- जयपुर का एसएमएस ट्रोमा सेंटर नॉर्थ इंडिया का सबसे बड़ा ट्रोमा सेंटर है, क्योंकि यहां नंबर ऑफ केस सबसे ज्यादा आ रहे है। वर्तमान में यहां हर रोज औसतन 377 केस आ रहे है, इतने केस दिल्ली, चंडीगढ़ या उत्तर भारत के किसी दूसरे राज्य के किसी भी सरकारी ट्राेमा सेंटर में नहीं आते है।
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