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हरियाणा के सीएम के तौर पर नायब सिंह सैनी आज दूसरी बार शपथ लेने वाले हैं। पंचकूला के दशहर ग्राउंड में वह शपथ लेने जा रहे हैं। इसके तुरंत बाद चंडीगढ़ में एनडीए के मुख्यमंत्रियों और डिप्टी सीएम की मीटिंग होगी। इस बैठक के जरिए भाजपा यह दिखाना चाहती है कि उसका गठबंधन कितना मजबूत है और एकता है। बुधवार को ही सीएम पद की शपथ जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला ने ली थी। इसमें INDIA अलायंस के कई नेता पहुंचे थे। वहीं एनडीए अब देश के हर हिस्से के अपने गठबंधन सहयोगियों को चंडीगढ़ बुला रहा है। इन सभी को मीटिंग में शामिल किया जाएगा। उससे पहले सभी नेता शपथ समारोह के गवाह बनेंगे।
इस मीटिंग की अध्यक्षता खुद पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। इसके अलावा बैठक में अमित शाह, डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी रहेंगे। इस मौके पर भारत के विकास और संविधान को लेकर चर्चा होगी। खासतौर पर आपातकाल के 50 साल पूरे होने के मौके पर भी आयोजनों को लेकर चर्चा की जाएगी। इसके माध्यम से एनडीए गठबंधन INDIA अलायंस के उस नैरेटिव का जवाब देना चाहता है, जिसके तहत उसने संविधान बदले जाने का डर जताया था। अकेले भाजपा के ही 13 मुख्यमंत्री और 16 डिप्टी सीएम हैं। इनके अलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार, सिक्किम, नागालैंड और मेघालय के भी सीएम मौजूद रहेंगे।
भाजपा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस मीटिंग में आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू भी संबोधित करेंगे। भाजपा का कहना है कि बैठक में चर्चा की जाएगी कि कैसे संविधान की हत्या की कोशिश के 50 साल पूरे होने पर कार्यक्रम किए जाएं। भाजपा इसे संविधान का अमृत महोत्सव नाम देना चाहती है। भाजपा ने हरियाणा में नायब सिंह सैनी की शपथ के लिए भी खास दिन चुना है और इसके जरिए वह दलित समुदाय को संदेश देना चाहती है। भाजपा ने खासतौर पर वाल्मीकि जयंती का दिन इसके लिए चुना है, जो रामायण के रचयिता हैं।
क्यों वाल्मीकि जयंती पर ही शपथ ले रहे हैं नायब सैनी
दरअसल भाजपा ने वाल्मीकि जयंती के दिन ही कार्यक्रम इसलिए रखा है ताकि दलितों को संदेश दिया जा सके। माना जाता है कि दलितों के वोट का एक हिस्सा INDIA अलायंस की तरफ लोकसभा चुनाव में चला गया था। अब इस समुदाय को लुभाने के लिए भाजपा सरकार वाल्मीकि जयंती पर कार्यक्रम कर रही है। बता दें कि आम चुनाव के दौरान विपक्ष ने अपने प्रचार में कहा था कि भाजपा इसलिए 400 सीटें चाहती है ताकि वह संविधान बदल सके और आरक्षण खत्म किया जा सके।
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