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फरीदबाद। सामने रखीं गालब्लेडर से निकाली गई पथरियां। आपरेशन के बाद बैठी महिला के बारे में जानकारी देते डा. बीडी पाठक।
डाक्टरों ने एक महिला के गॉलब्लेडर से 1170 से अधिक पथरियां निकालीं। महिला चनपऱ्ीत को कई साल से पेट में दर्द की शिकायत थी। ऐसे में जब भी दर्द होता तो वह पेनकिलर खा लेती थीं। कुछ दिन पहले जब पेट में ज्यादा दर्ज हुआ तो परिजन उन्हें फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस
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डा. पाठक ने बताया कि मरीज को 2-3 दिन से पेट मंे ज्यादा दर्द की शिकायत होने पर उसे अस्पताल लाया गया। मरीज का अल्ट्रासाउंड करने पर पता चला कि गाल ब्लैडर में कई पथरियां हैं। इनमें से कई पथरियां पित्त की नली में चली गई हैं। इससे मरीज को पैंक्रियाइटिस की शिकायत भी हो चुकी थी। डॉक्टरों ने पित्त की नली से पथरियों को निकालने के लिए शुरू में एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलनजियोपैंक्रियोग्राफी (ईआरसीपी) प्रक्रिया अपनाई। इसके बाद सिंगल छेद कर लैपरोस्कोपिक सर्जरी से गालब्लेडर की सभी पथरियां निकालीं। डा. पाठक ने बताया कि यह ऐसा दुर्लभ मामला था, जिसमें मरीज के गालब्लेडर से 1170 से अधिक पथरियां निकाली गईं। उन्होंने कहा यदि समय पर मरीज का इलाज नहीं कराया जाता तो इन पथरियों के कारण उसे जॉन्डिस या पैंक्रियाज़ में सूजन और गालब्लेडर में छेद की समस्या हो सकती थी। उन्होंने कहा इस तरह समस्या की अनदेखी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे स्वास्थ्य संबंधी बड़ी समस्या पैदा हो सकती है। ऐसे में मरीज की मृत्यु तक हो सकती है।
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