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हरियाणा में भाजपा विधायक दल का नेता नायब सिंह सैनी को चुन लिया गया है। इसके साथ ही उनका फिर से सीएम बनने का रास्ता साफ हो गया है। वह गुरुवार को सुबह 10 बजे पंचकूला के दशहरा ग्राउंड में सीएम पद की शपथ लेंगे। उनके नाम का प्रस्ताव पार्टी के सीनियर नेता अनिल विज ने ही किया, जो चुनाव के बीच खुद को सीएम पद का दावेदार बता रहे थे। अब उनसे फिर यह सवाल पूछा गया तो अनिल विज ने कहा कि मेरी तो ऐसी कोई इच्छा ही नहीं थी। अनिल विज ने कहा, ‘कभी मैंने मन में रखा भी नहीं। पार्टी की ओर से कोई जिम्मेदारी मिलने पर अनिल विज ने कहा कि पार्टी मुझे चौकीदार बना देगी तो उस काम को भी मैं पूरी निष्ठा के साथ करूंगा।’
अनिल विज ने ही बुधवार को भाजपा विधायक दल की मीटिंग में नायब सिंह सैनी के नाम का प्रस्ताव रखा। अनिल विज के अलावा कृष्ण बेदी ने भी नायब सैनी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिस पर विधायकों ने ध्वनिमत से मुहर लगा दी। यह दृश्य दिलचस्प था क्योंकि अनिल विज ने चुनाव के बीच कहा था कि यदि भाजपा जीती तो इलेक्शन के बाद मुख्यमंत्री के तौर पर ही मुलाकात होगी। इसके बाद अब भाजपा नेतृत्व ने जब उनसे ही सैनी के नाम का प्रस्ताव रखवाया तो यह रोचक था।
अनिल विज लगातार 7वीं बार अंबाला कैंट विधानसभा से चुने गए हैं। वह लंबे समय से खुद को सीएम पद का दावेदार बताते रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साढ़े 9 साल के कार्यकाल में वह होम मिनिस्टर थे और ताकतवर थे। इसके बाद भी उनके खट्टर से रिश्ते सहज नहीं थे। वहीं जब सैनी को सीएम बनाया गया तो वह मंत्री पद की शपथ लेने ही नहीं पहुंचे। इसे उनकी नाराजगी के तौर पर देखा गया था, लेकिन बाद में उनके सुर थोड़े नरम पड़े थे। यही वजह थी कि वह पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े। हालांकि इलेक्शन कैंपेन के बीच ही उन्होंने खुद को सीएम का दावेदार बताकर हलचल पैदा कर दी थी।
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