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दिल्लीवालों पर गर्मी भारी गुजरी है। ना सिर्फ उन्हें मौसम की तपिश झेलनी पड़ी, बल्कि बिजली का बिल भी चुकाना पड़ा। मई से जुलाई के बीच दिल्ली में महज 30 पर्सेंट लोगों को मुफ्त बिजली स्कीम का फायदा मिला है।
दिल्लीवालों पर गर्मी भारी गुजरी है। ना सिर्फ उन्हें मौसम की तपिश झेलनी पड़ी, बल्कि बिजली का बिल भी चुकाना पड़ा। मई से जुलाई के बीच दिल्ली में महज 30 पर्सेंट लोगों को मुफ्त बिजली स्कीम का फायदा मिला है। इस स्कीम के तहत आम आदमी पार्टी सरकार हर महीने 200 यूनिट बिजली मुफ्त देती है। लेकिन खपत इससे अधिक होने पर बिल चुकाना होता है। तीन महीनों की अवधि में 70 पर्सेंट लोगों को खपत के मुताबिक बिल देना पड़ा।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने दिल्ली सरकार के बिजली विभाग की ओर से वित्त विभाग सौंपे गए डेटा के आधार पर एक रिपोर्ट में बताया है कि 35 से 40 फीसदी उपभोक्ताओं को 2000 रुपए से अधिक बिल चुकाना पड़ा है। पीटीआई के मुताबिक, मई महीने में 13,44,287 उपभोक्ताओं का बिल 2000 रुपए से अधिक था। दिल्ली में कुल 59 लाख बिजली कनेक्शन हैं।
अप्रैल महीने में 36 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को शून्य बिजली बिल मिला, जब उनकी खपत 200 यूनिट के दायरे में थी। गर्मी बढ़ने के साथ लाभार्थियों की संख्या में तेजी से गिरावट आई। मई में जहां 25.3 लाख लोगों को बिजली मुफ्त मिली तो जून में यह संख्या घटकर 17 लाख और जुलाई में 16.7 लाख तक आ गई। सितंबर में एक बार फिर यह आंकड़ा बढ़कर 21 लाख तक पहुंच गया।
सूत्रों के मुताबिक बताया गया है कि गर्मी के पीक सीजन में शून्य बिजली बिल वाले उपभोक्ताओं की संख्या 16-19 लाख के बीच रही। साल के अन्य समय में यह संख्या 33 से 35 लाख के बीच रहती है। अच्छे मौसम की वजह से कई बार 40 लाख कनेक्शन पर बिल शून्य होता है। दिल्ली सरकार 201 से 400 यूनिट तक 50 फीसदी की सब्सिडी देती है। गर्मियों में 17-20 लाख कनेक्शन पर यह लाभ मिला। राजधानी में इस साल 19 जुलाई को बिजली की डिमांड रिकॉर्ड 8656 मेगावॉट तक पहुंच गई।
आम आदमी पार्टी ने एक बयान में आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अधिकारियों पर दबाव बनाकर दिल्ली सरकार की मुफ्त बिजली योजना को रोकना चाहती है। वहीं, भाजपा की दिल्ली इकाई के एक प्रवक्ता ने आप पर बिजली सब्सिडी योजना और बढ़ते बिजली बिलों के मुद्दे पर दिल्लीवासियों को ‘गुमराह’ करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
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