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सब इंस्पेक्टर भर्ती-2021 में उठे विवादों के बाद अब राजस्थान काे-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (आरसीडीएफ) की भर्ती पर भी सवाल उठने लगे हैं। चार साल पहले 19 श्रेणी के अलग-अलग 586 पदाें पर हुई भर्ती की जांच अब एसओजी कर सकती है। जीएम स्तर पर निर्धारित सीमा से कम
.
एसओजी अब भर्ती में सलेक्शन हुए अभ्यर्थियों के दस्तावेजों सहित चयन प्रक्रिया की जांच करेगी। भर्ती संबंधित दस्तावेज जल्द ही एसओजी को उपलब्ध कराए जाएंगे। सहकारिता भर्ती बोर्ड के माध्यम से हुई थी, उस समय आरसीडीएफ में तत्कालीन एमडी विश्राम मीना थे।
- भर्ती में परीक्षा से लेकर दस्तावेजों की जांच तक में गड़बड़ी हुई है।
- एक दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाण-पत्र फर्जी हैं या निर्धारित सीमा अवधि के नहीं है।
- दिव्यांग प्रमाण-पत्रों में भारी अनियमितता हुई है। भर्ती में दिव्यांगजनों को प्राथमिकता दी गई, लेकिन दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों के दिव्यांग प्रमाण-पत्र फर्जी है या फिर निर्धारित मापदंडों के अनुसार नहीं बने हुए हैं।
इन सेंटरों पर मिली थी अनियमितता की शिकायत 4 साल पहले प्लांट ऑपरेटर्स की भर्ती हुई थी। इसके लिए आवंटित सेंटर नंबर 142 से 38, सेंटर नंबर 152 से 20, सेंटर नंबर 182 से 12 अभ्यर्थियों का सलेक्शन हुआ था। वहीं हैल्पर पद पर आयोजित परीक्षा में सेंटर नंबर 142 से 25, सेंटर नंबर 152 से 11 का सलेक्शन हुआ। इसी प्रकार इलेक्ट्रिशियन के पद पर भर्ती हुई। इसमें सेंटर नंबर 144 से 10 का सलेक्शन हुआ है। वहीं 25 अगस्त 2021 काे आयोजित एकाउंटेंट की भर्ती में सेंटर नंबर 146 से 38 स्टूडेंट्स का सलेक्शन हुआ है।
ये कर रहे थे एसओजी से जांच की मांग परीक्षा और नियुक्ति के बाद दस्तावेजों में हुई गड़बडि़यों काे लेकर जयपुर-अजमेर डेयरी के पदाधिकारियों ने एसओजी से जांच की मांग की थी। इस संबंध में सरकार को भी पत्र लिखा था। इसमें बताया कि जीएम स्तर पर हुई भर्ती की जांच हुई ताे दस्तावेजों में भारी अनियमितता हुई है।
10 हजार आवेदनों में से 31 का चयन करना था
डेयरी टेक्नीशियन भर्ती के लिए 10 हजार आवेदन आए थे। इसमें से 31 अभ्यर्थियों काे लेना था। इलेक्ट्रिक और मैकनिकल में डिप्लोमा करने वालों काे भी शामिल किया था, जबकि डेयरी डिग्रीधारियों काे चार साल अध्ययन करने के बाद भी शामिल नहीं किया गया। 10 हजार में से करीब 300 अभ्यर्थी डेयरी टेक्नोलॉजी में बीटेक डिग्री धारी है। इन्हें सलेक्शन प्रक्रिया में अंतिम समय में बाहर कर दिया गया। परीक्षा 13 अगस्त 2021 काे हुई थी।
आरसीडीएफ ने जांच के बाद इन पर की कार्रवाई शुरुआती जांच के लिए आरसीडीएफ में जांच के लिए कमेटी का गठन किया। जिसकी जांच में भर्ती में हुई अनियमितताओं मास्टरमाइंड आरसीडीएफ का तत्कालीन जीएम कार्मिक और प्रशासन लालचंद्र बलाई निकला। बलाई ने जीएम पद पर से निलंबित हुए पंकज भूतड़ा को अवैध तरीके से नियुक्ति दी थी। भर्ती कमेटी ने भूतड़ा को अपात्र बता दिया था। इसके बावजूद बलाई ने सूची में ओवरराइटिंग और वाइटनर लगाकर उसे पात्र बना दिया। फिलहाल दोनों को आरसीडीएफ ने निलंबित कर दिया है।
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