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Delhi Pollution: दिल्ली में लगातार दूसरे दिन भी हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में दर्ज की गई। इस बीच सीएक्यूएम ने घोषणा की है कि ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) का प्रथम चरण 15 अक्टूबर से लागू किया जाएगा।
दिल्ली वालों को लगातार दो दिनों से खराब हवा का सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में एक्यूआई 234 अंकों तक पहुंच गया। दशहरा के बाद रविवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 224 अंकों के साथ खराब श्रेणी में प्रवेश कर गया था। हवा की गुणवत्ता में गिरावट को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सोमवार घोषणा की कि ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) का प्रथम चरण 15 अक्टूबर से लागू किया जाएगा।
सोमवार को एक्यूआई 234 दर्ज किया गया। दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता के गिरते स्तर और मौसम विभाग के पूर्वानुमानों को ध्यान में रखते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की उप-समिति ने 27 बिंदुओं की कार्ययोजना को लागू करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया है। ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के पहले चरण की पाबंदियां 15 अक्टूबर की सुबह 8:00 बजे से दिल्ली एनसीआर में प्रभावी होंगी।
GRAP का पहला चरण निर्माण स्थलों पर धूल को कम करने, उचित वेस्ट मैनेजमेंट और सड़कों की नियमित सफाई के उपायों के जरिए प्रदूषण को नियंत्रित करने पर केंद्रित है। इसमें प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की सख्त जांच, बेहतर ट्रैफिक प्रबंधन, बिजली संयंत्रों और ईंट भट्टों में उत्सर्जन पर नियंत्रण को अनिवार्य किया गया है। इसमें कचरे को खुले में जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही डीजल जनरेटर के इस्तेमाल को सीमित किया गया है।
GRAP का पहला चरण सर्दियों के लिए विशेष प्रदूषण-रोधी उपायों का एक सेट है। इसके तहत भोजनालयों में कोयले या जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर रोक लगाई गई है। इसमें सड़कों के निर्माण, मरम्मत और रखरखाव में धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव करते रहने को कहा गया है। साथ ही एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया है। ईंट भट्टों और हॉट मिक्स प्लांट में प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश हैं।
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