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पानीपत के इसराना में संत समागम को संबोधित करते बाबा राजेंद्र सिंह खालसा।
पानीपत के खालसा प्रचार गुरुद्वारा संत भवन इसराना साहिब में रविवार को संत समागम का आयोजन किया गया। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड व विदेशों से आए श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारे में माथा टेका और गुरुद्वारा के अंदर बने कुईया पर स्नान करके गुरु ग
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इस मौके पर संत समागम मेंआई संगत को संदेश देते हुए बाबा राजेंद्र सिंह खालसा ने कहा कि गुरूओं द्वारा बताए गए रास्ते पर चलकर और उनकी वाणी का अनुसरण करके ही सतगुरु तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब धार्मिक सहनता व सद्भावना का प्रतीक है, जो इंसानियत में मानव कल्याण का रास्ता दिखाता है।
गुरुद्वारा साहिब में उपस्थित महिला संगत।
उन्होंने बताया कि संत बाबा संतोख सिंह जी महाराज, बचपन से ही परोपकार की भावना से संतों के मार्ग पर चलते आए थे। महाराज संतोष सिंह जी जब बड़े हुए तो उन्होंने दशहरा के दिन 1940 में हरपाल के गांव से घर बाहर त्यागकर अपनी जिम्मेदारियां बड़ों के हवाले कर भक्ति के मार्ग पर निकले थे। दसवीं पर्व पर दरबार साहिब में माता टेकर आशीर्वाद लिया था और उन्हें सरोपा भेंट किया। इस अवसर पर कथावाचक ज्ञानी शेर सिंह व ज्ञानी जान पाल सिंह द्वारा मौजूद संगत को सिखी इतिहास की जानकारी दी और गुरबाणी से निहाल किया।
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