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AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन) पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शोएब जमई ने एक नया विवाद छेड़ते हुए मुस्लिम व्यापारियों से हिमाचल प्रदेश के सेबों का बहिष्कार करने की अपील की। सोशल मीडिया लिखी पोस्ट में उन्होंने मुस्लिम व्यापारियों से आर्थिक बहिष्कार करने की अपील की। उनकी इस पोस्ट के बाद भाजपा ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सेब उत्पादक उनकी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं।
जमई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘बहुत हो गया, अब हमें आर्थिक बहिष्कार शुरू करना चाहिए। मैं मुस्लिम व्यापारियों से, जो लगभग 80 प्रतिशत हैं, हिमाचल के सेबों का बहिष्कार करने की अपील करता हूं। खुदा के वास्ते इस नफरत के बाजार से कुछ भी न खरीदें।’
जमई ने कहा, ‘हम ठंड के दिनों में इनसे कोई सामान नहीं खरीदेंगे, इंशा अल्लाह और इस नफरत को हराने के लिए पूरे देश के धर्मनिरपेक्ष समाज को आगे आना पड़ेगा।’ साथ ही अपनी पोस्ट में उन्होंने सरकार से हिमाचल प्रदेश से दिल्ली आने वाले सभी हिमाचलियों के आधार कार्ड देखने की अपील की। हालांकि बाद में गलती का अहसास होने पर जमई ने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी।
जमई वही नेता हैं जिन्होंने पिछले महीने शिमला की विवादित संजौली मस्जिद से एक वीडियो बनाकर विवाद खड़ा कर दिया था और कहा था कि वह एक जनहित याचिका दायर कर पूछेंगे कि आसपास की चार से अधिक मंजिलों वाली अन्य इमारतों को अवैध क्यों नहीं माना गया।
जमई की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा की हिमाचल इकाई के प्रवक्ता चेतन बरागटा ने एक बयान में कहा कि सेब उत्पादक उनकी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं और एक विशेष समुदाय से हिमाचल के सेब न खरीदने की उनकी अपील दुर्भाग्यपूर्ण है।
बरागटा ने कहा कि सेब की खेती हिमाचलियों का पुश्तैनी पेशा है और वे इसे चलाने, संभालने तथा अपना खुद का बाजार बनाने में सक्षम हैं। बरागटा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सु्क्खू से जमई के बयानों का संज्ञान लेने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया।
गलती का अहसास होने पर डिलीट की पोस्ट
हालांकि बहिष्कार की अपील के बाद आलोचनाओं का सामना कर रहे जमई ने बाद में गलती का अहसास होने पर अपनी पोस्ट डिलीट कर दी। बाद में एक अन्य पोस्ट में खेद व्यक्त करते हुए कहा कि वह भावनाओं में बह गए थे। उन्होंने लिखा, ‘किसी भी समुदाय के लिए कोई नफरत नहीं। बिल्कुल नहीं। मैं हमेशा समाज के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने में विश्वास करता हूं। पूरा भारत एक है। सभी से प्यार करो। पिछले ट्वीट का गलत अर्थ निकाला गया।’
जमई ने कहा कि संजौली मस्जिद को टूटने से बचाने की कानूनी प्रक्रिया के सिलसिले में उन्होंने वहां कुछ मुस्लिम व्यापारियों से मुलाकात की थी और जब वे अकेला महसूस कर रहे थे, तो मैं उनकी आवाज को बुलंद करना चाहता था। उन्होंने यह भी कहा कि वह शिमला में धर्मनिरपेक्ष हिंदू समुदाय के आभारी हैं कि उन्होंने हमारा समर्थन किया। कुछ उम्मीद जगी है।
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