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विजेताओं को पुरस्कार देते कलेक्टर।
वागड़ पक्षी दिवस पर वागड़ पर्यावरण संस्थान की ओर से पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर पर आयोजित कार्यक्रम में नीलकंठ पेंटिंग प्रतियोगीता के विजेताओं को स्मृति चिह्न व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
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इस अवसर पर मुख्य अतिथि कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव ने कहा कि परिंदों का संसार अदभुत है। ये प्रकृति के अनमोल उपहार हैं। बांसवाड़ा में समृद्ध जैव-विविधता ने जिले को विशिष्ट पहचान दी है। उन्होंने नीलकंठ पक्षी के संरक्षण को लेकर जन जागरूकता के प्रयासों को सराहा। अध्यक्षता करते हुए उप वन संरक्षक जिग्नेश शर्मा ने कहा कि खुबसूरत नीलकंठ को देखना सुखद अनुभूति है। जिले में वन्य जीवों तथा पक्षियों की संख्या में निरन्तर अभिवृद्धि हो रही है। जंगल इनके घर हैं। हमें जंगलों को सुरक्षित रखना होगा तभी लाइल्ड लाइफ बचा पाएंगे। विशिष्ट अतिथि डॉ. दिनेश भट्ट, कांतिलाल पटेल, धरणीधर पंड्या, आरके अय्यर ने भी विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में संस्थान अध्यक्ष डॉ. दीपक द्विवेदी ने कहा कि दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी को देखना शुभ माना जाता हैं। इसके पीछे पौराणिक मान्यता है। बाद में 36 शिक्षण संस्थाओं में आयोजित नीलकंठ पेंटिंग प्रतियोगिता के तीन हजार प्रतिभागियों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय रही प्रतिभाओं का सम्मान किया गया। इससे पहले पर्यावरण क्विज का आयोजन हुआ, जिसमें विद्यार्थियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। आरंभ में अतिथि स्वागत संस्थान के यश सराफ, कपिल पुरोहित, विराट संघवी, अंजलि खरबंदा, विनय भट्ट आदि ने किया। इस दौरान डॉ. नीलेश परमार, शिवशंकर वैष्णव, चीकू, अमित सोनी, डॉ. दीपा त्रिवेदी, नरोत्तम पंड्या सहित नागरिक उपस्थित थे।
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