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सब्जियों की आसमान छूती कीमतों ने रसोई का जायका बिगाड़ कर रख दिया है। सब्जी के बढ़े हुए दामों के कारण अब आम आदमी की थाली में सब्जी एवं सलाद की मात्रा में कमी आई है। सब्जी कारोबारियों की मानें तो दिवाली से पूर्व कीमतों में कोई खास बदलाव आने की संभावना न
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दामों में उछाल आने के पीछे मुख्य वजह बेमौसम बारिश का होना बताया जा रहा है। इस बार हुई ज्यादा बारिश का असर अब रसोई तक पहुंच गया है। दरअसल, अधिक बारिश होने के कारण खेतों में हरी सब्जियां अपने तय समय से लेट हो गई हैं। इसके चलते भावों में काफी तेजी देखने को मिल रही है।
अच्छी बात यह है कि इन दिनों लोकल की टमाटर की फसल थोड़ी मात्रा में आना शुरू हो गई है। जिसके कारण टमाटर के दामों में भी कुछ कमी है। एक सप्ताह पहले जो टमाटर फुटकर में 80 रुपए किलो तक पहुंच गया था। वह अब नीचे आकर 60 रुपए किलो वैरायटी के अनुसार मिल रहा है। दिवाली तक टमाटर की आवक बढ़ने से इसके दामों में कमी आएगी।
15 नवंबर तक आलू की नई फसल आ जाएगी
थोक सब्जी विक्रेता संघ के सचिव अकील अहमद ने बताया कि अभी आलू स्टोरेज वाला आगरा, इटावा एवं उत्तर प्रदेश से आ रहा है। आलू की आवक तो मांग से ज्यादा हो रही है। लेकिन जहां से आलू आ रहा है वहां इसके रेट ज्यादा होने से आलू महंगा मिल रहा है। इस बार आलू की फसल लेट हो गई है। बेमौसम बारिश की वजह से नई आलू की फसल जो अक्टूबर के पहले सप्ताह तक आ जाती थी। वह अब 15 नवंबर तक आएगी। इसके बाद ही आलू के दामों में कमी आएगी।
दिवाली तक महाराष्ट्र एवं पुणे से प्याज की आवक
थोक फल एवं सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष राजकुमार धामेचा ने बताया कि अभी थोक सब्जी मंडी में बेंगलुरू से प्याज की आवक हो रही है। प्रतिदिन 80 टन प्याज की आवक होने के बाद भी प्याज के दामों में कमी नहीं आई है। क्योंकि आमतौर पर नवरात्रि में प्याज की मांग कम हो जाती थी। परंतु इस बार गरबा एवं अन्य आयोजनों के चलते मांग बढ़ी है। जिसके चलते प्याज के दामों में भी वृद्वि हुई है। दिवाली तक महाराष्ट्र एवं पुणे की प्याज आने पर प्याज के दामों में कमी आएगी।
सब्जी मंडी में थोक और फुटकर दाम
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