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बर्खास्त हुए नगर परिषद के उप सभापति बजरंग लाल वर्मा।
टोंक नगर परिषद के उप सभापति बजरंग लाल वर्मा को स्वायत्त शासन विभाग जयपुर ने बर्खास्त कर दिया है।
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यह कार्रवाई तीन संतान की सूचना छुपाकर नगर परिषद का चुनाव लड़ने पर की गई है। ताज्जुब की बात यह है कि इन्हे 30 अगस्त कों ही बर्खास्त कर दिया था। इसके बावजूद इसकी सूचना नगर परिषद प्रशासन को आज मिली है। आज इसकी बर्खास्तगी का आदेश नगर परिषद पहुंचा तो पूरे शहर में दबी जुबान में चर्चा होने लगी। आखिर कार शाम को नगर परिषद प्रशासन ने इसकी अधिकारिक पुष्टि की। उसके बाद आज रात तक शहर में यह मामला चर्चा का विषय बना रहा है।
उधर नगर परिषद आयुक्त ममता नागर ने बताया कि नगर उप सभापति के बर्खास्त होने की सूचना आज वाट्सअप पर मिली है। नगर परिषद में भी इसकी ई-मेल से आज ही सूचना आई है।
अब लोग चर्चा कर रहे है कि इसकी जांच पहले ही से ही चल रही थी, लेकिन कांग्रेस की सरकार होने से मामला अटका पड़ा था। बीजेपी सरकार में जांच आगे बढ़ी और उप सभापति को तीन संतानों की सूचना छुपाकर चुनाव लड़ने का दोषी पाया गया । वर्मा को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम-2009 की धारा 39 (1) (ड) (संशोधित) के तहत चुनाव से पूर्व ही अयोग्य होने की श्रेणी में आता है। इसलिए वर्मा को पार्षद पद से बर्खास्त किया जाता है। ये आदेश निदेशक एवं संयुक्त सचिव सुरेश कुमार ओला के नाम से जारी हुए है।
उप सभापति के बर्खास्तगी के आदेश की प्रति।
हालांकि अब इनका कार्यकाल करीब डेढ़ माह बचा है। अब देखना है कि इनके खिलाफ आगे किस तरह की और कानूनी कार्रवाई होती है।
नगर परिषद आयुक्त ममता नागर ने बताया कि अब इस मामले में आगे की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी।
ये है आदेश :
स्वायत्त शासन विभाग राजस्थान जयपुर के 30 अगस्त 2024 को जारी आदेश के अनुसार बजरंग लाल वर्मा पार्षद वार्ड 3 नगर परिषद टोंक के खिलाफ तीन संतान होने के बावजूद गलत तथ्य पेश कर चुनाव लड़ने के संदर्भ में शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसके संबंध में उप निदेशक स्थानीय निकाय विभाग, अजमेर से जांच करवाई गई। उक्त जांच रिपोर्ट में बजरंग लाल वर्मा के तीन संतान होने की पुष्टि की गई है। प्राप्त जांच रिपोर्ट के आधार पर बजरंग लाल वर्मा को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम-2009 की धारा 39 (1) के तहत सुनवाई का अवसर देते हुए स्पष्टीकरण जारी किया गया। जांच रिपोर्ट एवं उनके द्वारा स्पष्टीकरण का जवाब प्रस्तुत नहीं किए जाने के आधार पर बजरंग लाल वर्मा पार्षद वार्ड नंबर तीन को प्रथम दृष्टिया दोषी प्रतीत होते हैं।
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