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बैतूल के बहुचर्चित भाजपा नेता सुसाइड केस में आरोपी बनाए गए विधायक प्रतिनिधि रंजीत सिंह ने खुद को में बेदाग बताया है। उन्होंने इस केस में उनका नाम शामिल किए जाने को साजिश का हिस्सा बताया है। साथ ही आरोप से मुक्त होने तक विधायक प्रतिनिधि का पद छोड़ दिय
.
उन्होंने वीडियो जारी करते हुए बताया कि जब तक इस आरोप से मुक्त नहीं हो जाता तब तक विधायक प्रतिनिधि पद और पार्टी के किसी भी पद पर काम नही करूंगा।
सीआईडी जांच की मांग की
रंजीत सिंह ने कहा कि भाजपा जिलाध्यक्ष बाबलू शुक्ला और विधायक योगेश पंडाग्रे से मांग करता हूं कि इसकी सीआईडी जांच की जाए। उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा कि आत्महत्या केस में किन लोगों ने अवैध पिस्टल उपलब्ध कराई। हस्ताक्षर की राइटिंग दो प्रकार की मिली है। उसकी जांच होनी चाहिए। उस दिन सीसीटीवी बंद थे। कई प्रकार की खामियां देखने को मिली है। सीआईडी जांच होने से यह पता लग सकेगा कि इस साजिश के पीछे कौन लोग है।
रंजीत ने आगे कहा कि ये मामला पिछले एक वर्ष से चला आ रहा था। इस आत्महत्या में भाजपा के वरिष्ठ और पत्रकारों का नाम शामिल किया गया है। यह साजिश के तहत किया गया है। 17 लोगों का नाम इसमें शामिल किया गया है।
विधायक प्रतिनिधि रंजीत सिंह पिछले 35 साल से बीजेपी से जुड़े हुए है।
रंजीत सिंह ने कहा कि आज विपक्ष की पार्टी, समाज के लोग ज्ञापन दे रहे। मैं उनसे इतना कहना चाहूंगा कि मैं भाजपा का सच्चा सिपाही हूं, अगर मैं दोषी हूं तो मुझे भी सजा मिले। मेरी कॉल डिटेल निकाली जाए। जिसने आत्महत्या की उससे मेरे पिछले दो साल से कोई बातचीत नहीं हुई। लेकिन मुझे इस मामले में अभियुक्त बनाया गया। सुसाइड नोट पर हस्ताक्षर की जांच किए बगैर मुझ पर मामला बनाया गया, यह न्याय पूर्ण नहीं है। ऐसे कोई भी व्यक्ति किसी वरिष्ठ का नाम आत्महत्या में डाल सकता है।
बेदाग नहीं हो जाता तब तक पद नही लूंगा- रंजीत सिंह
विधायक प्रतिनिधि रंजीत सिंह ने वीडियो में कहा कि मैं 35 साल से भाजपा का सिपाही हूं। अलग-अलग पदों पर रहr। आज तक मेरे ऊपर कोई आरोप नहीं लगा है। जब तक जांच चल रही है, मैं विधायक प्रतिनिधि पद से मुक्त हूं। लोगों को ऐसा न लगे कि मेरी वजह से जांच में देरी हो रही है।
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