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::यादें:: नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। राजधानी के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में शोध और शिक्षण के
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। राजधानी के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में शोध और शिक्षण के लिए टाटा ट्रस्ट ने काफी मदद की है। दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की लाइब्रेरी का नाम भारतीय व्यापार और उद्योग जगत के प्रतिष्ठित व्यक्तित्व रतन टाटा से गहराई से जुड़ा है। रतन टाटा का योगदान न केवल भारतीय उद्योग के विकास में है बल्कि शिक्षा और सामाजिक कल्याण के क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय रहा है। उनके नेतृत्व में टाटा ट्रस्ट ने कई महत्वपूर्ण शैक्षिक संस्थानों को सहयोग प्रदान किया है, जिससे शिक्षा और अनुसंधान को नई दिशा मिली है। रतन टाटा लाइब्रेरी को सामाजिक विज्ञान, विशेष रूप से अर्थशास्त्र और वाणिज्य के क्षेत्र में एक समृद्ध पुस्तकालय माना जाता है। यहां पर लगभग तीन लाख पुस्तकें, एक लाख से अधिक सरकारी दस्तावेज और 2,600 से अधिक पत्रिकाएं उपलब्ध हैं। यह लाइब्रेरी देश के अग्रणी अनुसंधानकर्ताओं, शिक्षाविदों और छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसका डिजिटल संग्रह भी तेजी से बढ़ रहा है, जो शोधकर्ताओं को वैश्विक स्तर पर उपलब्ध नवीनतम जानकारी तक पहुंच प्रदान करता है।
आईआईटी दिल्ली को भी मिला है सहयोग
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली और टाटा ट्रस्ट के सहयोग से स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी 2019 में स्थापित की गई। स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के तहत न केवल छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त हो रही है बल्कि शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं के लिए एक मंच भी प्रदान किया जा रहा है। इसमें पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा और शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। टाटा पावर और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) दिल्ली के बीच 2021 से स्मार्ट ग्रिड तकनीक, स्टार्टअप, और नवाचार के क्षेत्रों में काम हो रहा है। यह सहयोग भारत के ऊर्जा क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने की क्षमता रखता है, जिसमें ऊर्जा वितरण, दक्षता और स्थिरता को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का प्रयास किया जाएगा।
जामिया ने रतन टाटा के निधन पर शोक जताया
जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने उद्योग जगत के दिग्गज सितारे और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा के निधन पर शोक जताया है। जामिया के कार्यवाहक कुलपति प्रो. मोहम्मद शकील ने महान दूरदर्शी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि रतन टाटा अपने पीछे एक अद्वितीय मानवीय विरासत छोड़ गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रतन टाटा की कॉर्पोरेट नैतिकता और परोपकारी दृष्टि, जिसने लाखों भारतीयों के जीवन को उमंगों से भर दिया है, उससे भावी पीढ़ियों को प्रेरणा मिलती रहेगी।
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