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मध्य प्रदेश के खंडवा के एक रोजगार सहायक ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। मौत से ठीक पहले बनाए एक वीडियो में रोजगार सहायक ने सुसाइड के लिए जनपद पंचायत की महिला सीईओ को जिम्मेदार बताया है। जानकारी के मुताबिक, मृतक को काम में लापरवाही के चलते शासकीय सेवा से निलंबित कर दिया गया था। इस घटना के बाद से ही वह डिप्रेशन का शिकार हो गया था। मृतक की पहचान गजेंद्र सिंह राठौड़ के रूप में हुई है।
महिला अधिकारी पर गंभीर आरोप
रोजगार सहायक ने सुसाइड से ठीक पहले एक वीडियो बनाया। उसने महिला सीईओ पर गंभीर आरोप लगाए। मृतक ने महिला अधिकारी पर एक लाख रुपए का रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया है। हालांकि इस मामले में अभी तक जनपद पंचायत सीईओ का कोई बयान सामने नहीं आया है। इधर मृतक के नाबालिग बेटे ने भी आरोप लगाया कि महिला अधिकारी ने रिश्वत मांगी थी लेकिन पापा के पास पैसे थे।
सैलरी नहीं मिलने से परेशान था मृतक
गजेंद्र सिंह राठौड़ खंडवा जिले के गुलगांव रैयत गांव में रोजगार सहायक था। वीडियो में उसने पुनासा जनपद पंचायत की महिला सीईओ रीना चौहान से प्रताड़ित होकर आत्महत्या करने की बात कही है। जानकारी के मुताबिक, काम में लापरवाही के चलते मृतक को निलंबित कर दिया गया था। वह करीब पांच माह से निलंबित था, इस दौरान सैलेरी न मिलने और आर्थिक परेशानियों के चलते वह डिप्रेशन में चला गया था, जिसके बाद उसने इस तरह का कदम उठाया है ।
शख्स की मौत के बाद जिला अस्पताल पहुंचे उसके बेटे ने बताया कि आज पापा को खंडवा कोर्ट आना था, लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे। सैलरी भी नहीं मिली थी। इसके बाद पापा पता नहीं कहां चले गए। फिर पापा ने हमें एक वीडियो भेजा, उसमें बोला कि मेरी मौत का कारण यह मैम है। पापा ने केनूद तालाब के पास दवाई पी ली। वहीं मृतक के बेटे ने आगे बताया कि उसके पिता को पांच महीने की सैलरी नहीं मिली थी। जब वह सैलरी मांगने गई तब महिला अधिकारी ने एक लाख रुपए की मांग की थी। इसके बाद वह काम पर नहीं गए। अभी करीब उन्हें 22 महीने से सैलरी नहीं मिली है।
रिपोर्ट- निशात मोहम्मद सिद्दीकी
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