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रोज आ रहे वायरल इंफेक्शन के 500 मरीज
जिले में मौसमी बीमारियां बेकाबू हो रही हैं। बीडीके अस्पताल की मेडिसन ओपीडी में आने वाला हर दूसरा मरीज वायरल बुखार की चपेट मेंं है। अस्पताल में हर दिन 500 से ज्यादा मरीज वायरल फीवर और सिरदर्द की परेशानी लेकर आ रहे हैं। इनमें 60 से ज्यादा मरीज डेंगू जै
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इनमें प्लेटलेट्स घटने के साथ चलने में भी समस्या हो रही है। जिले में डेंगू पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 120 से ऊपर तक पहुंच गया है। अक्टूबर में ये आंकड़ा तेजी से बढ़ता नजर आ रहा हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो इस समय मौसमी वायरल के संक्रमण का प्रभाव बढ़ने से बुखार, शरीर व घुटनों में दर्द, प्लेटलेट्स गिरने के मामले ज्यादा आ रहे हैं।
राजकीय बीडीके अस्पताल समेत ग्रामीण अंचल में संचालित सीएचसी-पीएचसी की ओपीडी फुल है। बीडीके अस्पताल के मेडिसिन वार्ड में बेड फुल होने लगे हैं।
ओपीडी, पर्ची और दवा कांउटरां पर मरीजों की की लंबी कतार नजर आ रही है, दोपहर तक मरीजों कतार नही टूट रही है।
जिले में डेंगू से पीड़ित मरीजों के सरकारी अस्पतालों में प्लेटलेट्स चढ़ाने की कोई सुविधा नहीं है।
बीडीके अस्पताल में लाखों रुपए की लागत से आई ब्लड सैपरेशन यूनिट भी धूल फांक रही है। लाखों की आबादी पर महज दो जिला अस्पतालों में डेंगू की जांच हो रही है। राजकीय बीडीके अस्पताल में एक दिन में 50-60 मरीजों व नवलगढ़ के राजकीय जिला अस्पताल में 35-40 मरीजों के रोजाना ब्लड सैंपल लेकर एलाइजा टेस्ट किया जा रहा है।
बीडीके अस्पताल में लगा कचरे का ढेर
मानसून के जाने के बाद मौसमी बीमारियां बेकाबू हो रही हैं। जगह-जगह बरसाती पानी जमा हुआ है। शहर में कई जगह कचरे के ढेर लगे हैं। इससे मौसमी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। जलभराव के कारण लार्वा पनप रहा है। राजकीय बीडीके अस्पताल में भी कचरे का ढेर लगा हुआ है। जगह जगह पानी इकठ्ठा हो रहा है। ऐसे में यहा मरीज के साथ आने वाले परिजन बीमारी की चपेट में आ रहे है।
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