[ad_1]
झारखंड के बोकारो में महिला पुलिस की टीम ने मंगलवार को सेक्टर चार पुलिस की मदद से एक घर के आउट हाउस में सालों से कैद 35 साल की अनिता मिश्रा को मुक्त कराया। महिला को ससुराल के लोग एक छोटे से कमरे में सालों से नजरबंद कर अमानवीय यातना दे रहे थे। उसकी शारीरिक क्षमता व मानसिक स्थिति बिगड़ चुकी है।
टॉर्च की रोशनी देख जोर-जोर से चीखने लगी
पुलिस टीम जब उस कमरे के ग्रिल के पास पहुंची तो महिला काफी दयनीय स्थिति में अंधेरे कमरे के एक कोने में सिसक रही थी। टॉर्च की रोशनी देख महिला जोर-जोर से चीखने लगी। पुलिस वालों ने जब आश्वस्त किया कि उसे बचा कर निकालने आए हैं तो धीरे-धीरे महिला ग्रिल के करीब पहुंची। ग्रिल का ताला खोलकर उसे दयनीय स्थिति से निकालकर प्राथमिक उपचार के बाद थाने ले जाकर खाने-पीने का प्रबंध किया गया।
गोरखपुर की रहने वाली है महिला
मौके से उसके मूक बधिर पति अरुण मिश्रा को हिरासत में लिया गया है। जिसे सेक्टर चार पुलिस मूक बधिर तकनीक से पूछताछ कर रही है। सिटी डीएसपी आलोक रंजन को जब इस अमानवीय यातना की सूचना मिली तो महिला व सेक्टर चार पुलिस की जॉइंट टीम बनाकर ऑपरेशन का आदेश दिया था। सिटी डीएसपी ने बताया कि महिला यूपी गोरखपुर के बिछिया गांव की रहने वाली है।
बच्चा नहीं होने पर पति ने कर ली थी दूसरी शादी
साल 2009 में आवास धारक स्व गौतम मिश्रा के मूक बधिर बेटे अरुण मिश्रा से उसकी शादी कराई गई थी। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि बच्चा न होने की स्थिति में अरुण मिश्रा के परिजनों ने दूसरी शादी करा दी। दूसरी पत्नी से संतान प्राप्ति के बाद अनीता को आवास के आउट हाउस के एक छोटे से कमरे में कैद कर दिया। घर का काम कराने के लिए बाहर निकालने के बाद उसे दोबारा बंद कर दिया जाता था। यूपी के गोरखपुर पुलिस कमिश्नर से इस संबंध में बात की गई है। उनके माध्यम से अनीता के माता-पिता को सूचना देने की कोशिश की जा रही है।
[ad_2]
Source link